आरोन के गुलाबगज निवासी अनिल वंशकार ने बताया कि उनकी 2 महीने की बेटी कनक की तबीयत बेहद खराब थी। मंगलवार दोपहर उसे ग्वालियर रेफर किया गया था। लेकिन एम्बुलेंस शाम 6 बजे आई। उल्लेखनीय है कि एक एम्बुलेंस में 14 किलो ऑक्सीजन होती है। यह 200 किमी की दूरी तय कर लेती है। ऐसे में रास्ते में ही ऑक्सीजन खत्म होना सवाल खड़े करता है। इस मामले में जिगित्सा हेल्थ केयर के समन्वयक गिर्रराज तोमर तर्क देते हैं कि ऐसा तकनीकी खराबी से हुआ होगा। लेकिन इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? बताते हैं कि गरीब पिता ने 3000 रुपए में प्राइवेट गाड़ी की, तब वो शिवपुरी से बच्ची की लाश लेकर घर लौट सका। आगे देखिए लॉकडाउन में परेशान होते बच्चों की कुछ तस्वीरें...