एम्बुलेंस में ऑक्सीजन नहीं मिलने पर तड़प-तड़पकर मर गई मासूम, पिता गोद में लाश लेकर भटकता रहा

भोपाल, मध्य प्रदेश. यह शर्मनाक घटना मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत बयां करती है। 2 महीने की बच्ची की एम्बुलेंस में ऑक्सीजन के अभाव में मौत अव्यवस्था का जीता-जागता उदाहरण है। मामला गुना से जुड़ा है। यहां के जिला अस्पताल से 2 महीने की बच्ची को ग्वालियर रेफर किया गया था। बच्ची को निमोनिया और हार्ट संबंधी दिक्कत थी। उसे 108 एम्बुलेंस से रेफर किया गया था। लेकिन 35 किमी के सफर के बाद ही एम्बुलेंस में ऑक्सीजन खत्म हो गई। लिहाजा बच्ची ने रास्ते में ही तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। घटना मंगलवार शाम की है। एक शर्मनाक बात और कि एम्बुलेंस बच्ची के शव को वापस गुना लाने के बजाय आगे शिवपुरी ले गया और वहां पिता की गोद में लाश सौंपकर भाग गया। पिता गोद में बेटी की लाश उठाए यहां-वहां भटकता रहा। मजबूरी में पिता ने किसी से पैसे उधार लिए और एक प्राइवेट गाड़ी करके लाश को गुना लाया। मामला तूल पकड़ने पर सीएमएचओ पी बुनकर ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन में स्वास्थ्य सेवाएं और ज्यादा खराब हो गई हैं। यही नहीं, लॉकडाउन के बीच मासूम बच्चों को दूसरी अन्य दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है।

Asianet News Hindi | Published : May 28, 2020 4:55 AM IST / Updated: May 28 2020, 10:30 AM IST

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एम्बुलेंस में ऑक्सीजन नहीं मिलने पर तड़प-तड़पकर मर गई मासूम, पिता गोद में लाश लेकर भटकता रहा

आरोन के गुलाबगज निवासी अनिल वंशकार ने बताया कि उनकी 2 महीने की बेटी कनक की तबीयत बेहद खराब थी। मंगलवार दोपहर उसे ग्वालियर रेफर किया गया था। लेकिन एम्बुलेंस शाम 6 बजे आई। उल्लेखनीय है कि एक एम्बुलेंस में 14 किलो ऑक्सीजन होती है। यह 200 किमी की दूरी तय कर लेती है। ऐसे में रास्ते में ही ऑक्सीजन खत्म होना सवाल खड़े करता है। इस मामले में जिगित्सा हेल्थ केयर के समन्वयक गिर्रराज तोमर तर्क देते हैं कि ऐसा तकनीकी खराबी से हुआ होगा। लेकिन इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? बताते हैं कि गरीब पिता ने 3000 रुपए में प्राइवेट गाड़ी की, तब वो शिवपुरी से बच्ची की लाश लेकर घर लौट सका। आगे देखिए लॉकडाउन में परेशान होते बच्चों की कुछ तस्वीरें...

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यह तस्वीर गुवाहाटी की है। लॉकडाउन के दौरान घर के लिए निकली एक फैमिली की बच्ची यूं लगेज पर सो गई।
 

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यह तस्वीर नई दिल्ली की है। घर वापसी के लिए गाड़ी के इंतजार में बैठी मां के पास यूं सो गई बच्ची।

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यह तस्वीर मुंबई की है। घर वापसी के दौरान स्टेशन पर घबराकर यूं रो पड़ी बच्ची।

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यह तस्वीर गुरुग्राम है। उदास दादी के पास लगेज पर सो रही उसकी पोती। ये लोग घर वापसी के लिए निकले थे।
 

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यह तस्वीर नोएडा की है। गाड़ी के इंतजार में मां के साथ बैठी बच्ची थककर ऐसे लगेज पर ही सो गई।

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यह तस्वीर गुरुग्राम की है। लॉकडाउन के दौरानी पानी की किल्लत। बच्चियों को पानी भरने निकलना पड़ रहा है।
 

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