1996 बैच के IPS और यूपी पुलिस ADG नवनीत सिकेरा ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा। ये खबर देखी तो आंखे डबडबा गईं. अब से कुछ दशक पहले मेरे पिता भी मुझे मांगी हुई साईकल पर बिठा कर IIT का एंट्रेंस एग्जाम दिलाने ले गए थे। वहां पर बहुत से स्टूडेंट्स कारों से भी आये थे , उनके साथ उनके अभिभावक पूरे मनोयोग से उनकी लास्ट मिनट की तैयारी भी करा रहे थे, मैं ललचाई आंखों से उनकी नई नई किताबों (जो मैंने कभी देखी भी नहीं थी) की ओर देख रहा था और मैं सोचने लगा कि इन लड़कों के सामने मैं कहाँ टिक पाऊंगा , और एक निराशा सी मेरे मन में आने लगी । मेरे पिता ने इस बात को नोटिस कर लिया और मुझे वहां से थोड़ा दूर अलग ले गए और एक शानदार पेप टॉक (उत्साह बढ़ाने वाली बातें) दी । उन्होंने कहा कि इमारत की मजबूती उसकी नींव पर निर्भर करती है नाकि उस पर लटके झाड़ फानूस पर। जोश से भर दिया उन्होंने फिर एग्जाम दिया।