दरअसल, शिवपुरी जिला अस्पताल में भर्ती संक्रमित मरीज की इलाज के दौरान एक वार्ड बॉय ने ऑक्सीजन मशीन हटा दी। मरीज कई घंटों तक तड़पता रहा, कभी वह अपना सिर घुटनों में फंसाता तो कभी पलंग पर सिर पकटता। दर्द के चलते उसकी चीख भी नहीं निकल पा रही थी। वह मुंह को दबाकर ऑक्सीजन लेने की कोशिश करता रहा। करीब 9 घंट तक वह तड़ता रहा, लेकिन कहीं से ना तो कोई नर्स आई और ना ही कोई डॉक्टर आा। किसी तरह बेटे ने अपने लाचार पिता को आईसीयू में ले जाने की कोशिश की, पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आखिर में बेटे के ही सामने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। बेबस बेटा भी सरकारी सिस्टम की लापरवाही के सामने सिर्फ रोते रहा, लेकिन कुछ कहने की हिमाकत नहीं कर पाया।