महामारी में भगवान से कम नहीं ऐसे व्यापारी, किसान की मौत के बाद लौटा दिए गिरवी रखे 10 लाख के गहने

आगर मालवा (मध्य प्रदेश). महामारी का यह दौर इतना भयानक है कि जिसने सबकुछ तबाह करके रख दिया है। लोगों की रोजी-रोटी छिन जाने से दुखी हैं। वह उधार यानि कर्ज लेकर अपना गुजारा करने को मजबूर हैं। लेकिन संकटकाल में कुछ ऐसी भी जिंदादिल इंसान हैं जिन्होंने दूसरों का दुख देखा तो वह उनकी मदद करने में जुट गए। मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के एक व्यापारी ने मसीहा की तरह मुश्किल घड़ी में  ऐसी मिसाल पेश की है, जिनकी तारीफ करते आज कोई थक नहीं रहा है। लोग यही कह रहे हैं कि भाई व्यपारी तो बहुत से देखे पर इन जैसा नहीं देखा। व्यापारी एक किसान की मौत के बाद उसके गिरवी रखे 10 लाख रुपए के गहने लौटाने किसान के घर पहुंचा था। जबकि मृतक के घरवालों की इस बात का जरा सा भी पता भी नहीं था कि उनके गहने गिरवी भी रखे हैं।

Asianet News Hindi | Published : May 26, 2021 6:00 AM IST

15
महामारी में भगवान से कम नहीं ऐसे व्यापारी, किसान की मौत के बाद लौटा दिए गिरवी रखे 10 लाख के गहने

दरअसल, संकट के वक्त ईमानदारी की मिसाल पेश करने वाले ये शख्स अनिल जैन हैं। जो कि आगर मालवा में किराना की दुकान चलाते हैं। इसी साल फरवरी के महीने में बायरा गांव के रहने वाले किसान कालूसिंह ने अपने दादा की 18 तोले की सोने की माला व्यापारी के पास गिरवी रख कुछ पैसे उधार लिए थे। जिसकी कीमत करीब 10 लाख रुपए थी। ताकि वह परिवार का पालन पोषण कर सके। किसान ने यह बात घर में किसी को नहीं बताई थी।

25

कुछ दिन पहले किसान कालूसिंह की अचानक मौत हो गई। घर में ऐसा कोई कमाने वाला नहीं बचा था। इस बात की जानकारी जब व्यापारी अनिल जैन को पता चला तो उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने गिरवी रखे गहने को लौटाने का फैसला किया और मृतक के घर पहुंच गए।

35

बता दें कि व्यापारी उस वक्त किसान के घर पहुंचे हुआ तब वहां पर किसान की आत्मा की शांति के लिए गांव में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जैसे ही व्यापानी ने सोने के गहने परिवार को दिए तो वह हैरान थे। क्योंकि उनको इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी। व्यापारी की ईमानदेरी देख पूरे गांव ने तारीफ की।
 

45

व्यापारी ने बताया कि फरवरी के महीने में कालूसिंह ने इन गहनों को बैंक से निकालकर मेरे पास लेकर आया था। तब उन्होंने कहा था कि खेती में कुछ नहीं निकला और काम भी नहीं मिल रहा है, ऐसे में परिवार का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है। आप इनको गिरवी रख मुझे इसकी कीमत दे दीजिए। 

55

व्यापारी अनिल जैन ने कहा कि कालूसिंह की आत्म को तो शांति मिल जाएगी। लेकिन मेरी आत्मा बैचेन थी, जब तक मैं उनकी यह अमानत नहीं लौटा तो शायद मुझे शांति नहीं मिलती। पैसे का क्या वह तो आता जाता है, लेकिन उसके लोभ में मानवता नहीं भूलनी चाहिए। 
 

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos