गजब है बाप-बेटे की जोड़ी: पिता प्रदेश के मुख्य सचिव, तो बेटा बना कलेक्टर, दोनों अफसर CM की पहली पसंद

भोपाल, देश का हर युवा आईएएस अफसर बनने का ख्वाब देखता है। लेकिन बहुत कम ऐसे होते हैं जो यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर पाते हैं। कईयों की तो पीढ़ियां ही निकल जाती हैं उनके परिवार में कोई सरकारी नौकरी ही नहीं मिल पाती फिर आईएएस बनने की तो बात ही दूर है। लेकिन मध्य प्रदेश में बाप-बेटे की ऐसी जोड़ी है कि दोनों आईएएस अफसर हैं। इतना ही नहीं पिता पूरे राज्य के मुख्य सचिव हैं जिन्हे प्रदेश के तमाम अधिकारी रिपोर्ट करते हैं। वहीं उनका बेटे को जिले का कलेक्टर बनाया गया है। जिसको लेकर पूरे राज्य में चर्चा हो रही है। आइए जानते हैं इन पिता-पुत्र के बारे में...

Asianet News Hindi | Published : Feb 9, 2021 8:49 AM IST / Updated: Feb 09 2021, 02:22 PM IST
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गजब है बाप-बेटे की जोड़ी: पिता प्रदेश के मुख्य सचिव, तो बेटा बना कलेक्टर, दोनों अफसर  CM की पहली पसंद


दरअसल, एक दिन पहले 8 फरवरी को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद बैतूल और नीमच जिले के कलेक्टर हटाए गए हैं। जहां प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के बेटे और आईएएस अफसर अमनवीर सिंह को बैतूल का नया कलेक्टर बनाया गया है।  सामान्य प्रशासन विभाग ने मंगलवार को जिसका आदेश जारी कर दिया है। वहीं अपर कलेक्टर मयंक अग्रवाल को नीमच का कलेक्टर बनाया गया है। 

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आईएएस अफसर अमनवीर सिंह आईआईटी रुड़की से तकनीकि शिक्षा प्राप्त की है। उनकी पहली पोस्टिंग डबरा एसडीएम के पद पर हुई थी। जिसके बाद उनकी पोस्टिंग जिला पंचायत रायसेन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के तौर पर हुई थी। वे ट्रेनिंग के बाद केंद्र सरकार के ही पंचायती राज मंत्रालय में भी सेवायें दे चुके हैं। सतना में नगर निगम आयुक्त के साथ -साथ वे सीईओ स्मार्ट सिटी का भी दायित्व संभाल चुके हैं। अमनवीर की बैतूल में यह चौथी पदस्थापना है।
 

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बता दें कि  मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के बेटे अमनवीर  2013 बैच के IAS अफसर हैं। बैतूल का कलेक्टर से पहले वह  नगर निगम सतना में आयुक्त पर अपनी सेवाएं दे रहे थे।  मध्य प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी IAS अफसर के मुख्य सचिव रहते उनका बेटा कलेक्टर बना है।

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वहीं मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस 1985 बैच के आईएएस अफसर हैं। बैस की पहली पोस्टिंग 21 जनवरी 1993 को सीहोर में हुई थी, वे वहां 9 अगस्त 1993 तक पदस्थ रहे थे। 
 

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 इकबाल सिंह सीएम शिवराज सिंह के सबसे भरोसेमंद अफसर और करीबी माने जाते हैं। तभी तो प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद और शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री की कमान संभालते ही  कमल नाथ सरकार के मुख्य सचिव एम. गोपाल रेड्डी को हटाकर इकबाल सिंह बैंस को मुख्य सचिव बना दिया था।
 बैंस कमल नाथ सरकार में पूरे वक्त हाशिए पर रहे और उन्हें कुछ दिनों पहले मंत्रालय से पूरी तरह हटाकर ग्वालियर राजस्व मंडल कार्यालय में अध्यक्ष बनाकर पदस्थ कर दिया था। 

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