बेपनाह मोहब्बत की मिसाल: पति ने पत्नी के लिए बनवा दिया दूसरा ताजमहल! जिसने देखा उसने कहा वाह..देखिए तस्वीरे

बुरहानपुर (मध्य प्रदेश). मुगल बादशाह को पूरी दुनिया उनके बेपनाह मोहब्बत के लिए जानती है। जिन्होंने अपनी पत्नी  शाहजहां की याद में ऐतिहासिक ताजमहल बनवा दिया। प्रेम की इस अनमोल निशानी को देखने लिए सात संमदर पार से रोजाना विदेशी लोग आगरा आकर इसका दीदार करते हैं। लेकिन प्यार की ऐसी ही एक अनोखी मिसाल एमपी के बुरहानपुर में एक शख्स ने पेश की है। जिन्होंने ने अपने पत्नी के लिए दूसरा ताजमहल की तरह दिखने वाला हूबहू घर बनवाकर तोहफे में दिया है। जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। देखिए दिल जीत लेने वाले प्यार की शानदार तस्वीरें...

Asianet News Hindi | Published : Nov 22, 2021 6:19 AM IST / Updated: Nov 22 2021, 11:54 AM IST

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बेपनाह मोहब्बत की मिसाल: पति ने पत्नी के लिए बनवा दिया दूसरा ताजमहल! जिसने देखा उसने कहा वाह..देखिए तस्वीरे

दरअसल, यह प्यार की अनोखी इबारत लिखने वाले यह शख्स बुरहानपुर के के शिक्षाविद आनंद प्रकाश चौकसे हैं। जिन्होंने अपनी पत्नी मंजू चौकसे के लिए ताज महल जैसे 4 बेडरूम का घर बनवाया है। इस घर को इस तरह से डिजाइन किया और ऐसी लाइटिंग लगाई  गईं है कि रात के अंधेरे में यह एकदम अगरा वाले ताजमहल की तरह चमकता है। दूर से देखने पर ऐसा लगता है कि यह ताजमहल ही है।

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बता दें कि यह ताजमहल नुमा घर  को बनाने में तीन साल का वक्त लगा है। इस घर में चार बेडरूम, एक किचन, लाइब्रेरी, मेडिटेशन रूम तक है।इस पूरे घर का क्षेत्रफल मीनार सहित 90X90 का है। ताजमहल जैसे घर में एक बड़ा हॉल भी बनवाया गया है।

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 इस ऑलीशान घर की फ्लोरिंग राजस्थान के मकराना और फर्नीचर मुंबई के कारीगरों से तैयार करवाया गया है। अंदर की नक्काशी बंगाल और इंदौर के कारीगरों ने की है तो फर्नीचर सूरत और मुंबई के कलाकारों ने बनाया है। 

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ताजमहल जैसा घर बनवाले के लिए पहले आनंद चौकसे और उनकी पत्नी मंजूषा चौकसे आगरा के ताजमहल को देखने गए। उसका बारीकी से अध्ययन किया और फिर इंजीनियरों को ताजमहल जैसा ही घर बनाने को कहा। इसके बाद इंजीनियर प्रवीण चौकसे ने भी आगरा जाकर ताजमहल का बारीकी से अवलोकन किया। इसके बाद ऐसा डिसाइन तैयार की कोई यह नहीं कह सके कि यह ताजमहल नहीं है।

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मीडिया से बात करते हुए आनंद चौंकसे ने बताया कि आगरा में बने ताजमहल को पहले बुरहानपुर से गुजरने वाली ताप्ती नदी के किनारे बनना था। लेकिन बाद में शाहजहां ने इसे आगर में बनाने का फैसला किया। बस इसी बात पर आनंद चौंकसे ने ठानी कि अब ताजमहल तो बुरहानपुर में बनकर रहेगा। इसके लिए उन्होंने कई समस्याओं का सामना किया और फिर पत्नी को ताजमहल गिफ्ट दे दिया।

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