इतिहास रचने वाली इस बेटी को शिवराज सरकार ने बनाया ब्रांड एंबेसडर, पढ़िए संघर्ष और सफलता की कहानी

Published : Jul 15, 2020, 11:34 AM ISTUpdated : Jul 15, 2020, 11:36 AM IST

भिंड (मध्य प्रदेश). आज पूरे देश में बेटियां अपनी कामयाबी और हुनर की दम पर नाम अपना परचम लहरा रही हैं। ऐसी ही एक बेटी मध्य प्रदेश की रोशनी है, जिसने 10वीं की परीक्षा में 98 फीसदी से अधिक अंक हासिल कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। शिवराज सरकार ने रोशनी की इस सफलता पर उसे बड़ा तोहफा देते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग का ब्रांड एंबेसडर बनाया है।  

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इतिहास रचने वाली इस बेटी को शिवराज सरकार ने बनाया ब्रांड एंबेसडर, पढ़िए संघर्ष और सफलता की कहानी

दरअसल, रोशनी को प्रदेश का ब्रांड एंबेसडर बनाने पर खुद प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने इसकी घोषणा की है। इतना ही नहीं जब 10वीं का परिणाम आया था तो उस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रोशनी को बधाई भी थी। बता दें कि रोशनी की इस कामयाबी के पीछे उसकी कड़ मेहनत है। वह अपने गांव से हर 24 किलोमीटर साइक चलाकर स्कूल जाती थी।

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रोशनी कितनी भी गर्मी-सर्दी या फिर बारिश हो वह एक दिन भी अपना स्कूल मिस नहीं करती थी। जिसका परिणाम है कि आज उसने इतिहास रच डाला, जिसकी बदौलत रोशनी टॉपर्स में जगह बनाने में कामयाब रही।

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बता दें कि रोशनी के पिता पुरुषोत्तम भदौरिया एक किसान हैं, वह भिंड जिले के अजनोल गांव में रहते हैं। जब बेटी की सफलता पर मीडिया ने उन्होंने बात की तो वह भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा-आज उनकी बेटी ने परिवार के साथ-साथ जिले का भी नाम रोशन किया है। हमारा इलाका इतना पिछड़ा है कि यहां कोई सुविधा भी नहीं है, इसके बावजूद भी उसने मेहनत करना नहीं छोड़ा। मैं उसकी इस मेहनत को सलाम करता हूं।
 

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वहीं रोशनी ने बताया था कि कई बार तो ऐसे हालात बन जाते थे कि गांव की सड़कों पर पानी भर जाता था। ऐसे में वो घर नहीं आ पाती थीं और अपने रिश्तेदार के घर पर रुकना पड़ता था। लेकिन मैं स्कूल जाना नहीं छोड़ती थी।

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रोशनी का सपना है बड़ा होकर देश की सेवा करना है, इसके लिए वह आईएएस अफसर बनना चाहती है। ताकि समाज में बदलाव ला सके। बता दें कि रोशनी को मैथ्स और ससाइंस में 100 में से 100 अंक प्राप्त हुए हैं।

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रोशनी के पिता ने कहा मेरे सभी बच्चे पढ़ने में होशियार हैं। लेकिन मेरी स्थिति इतनी अच्छा नहीं कि वह महंगी पढ़ाई उनको करा सकें। इसलिए राज्य सरकार से निवेदन है कि ऐसे पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई में मदद करें। 

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