कोरोना की सबसे दर्दनाक तस्वीर: एक रात में 3 भाइयों की मौत, देवरानी-जेठानी की चीखें सुन फट जाएगा कलेजा


नरसिंहपुर. मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस अब आउट ऑफ कंट्रोल होता जा रहा है, संक्रमण दूसरी लहर में पहली की तरह लोगों की जिंदगी छीनने लगा है। लोग अपनों का चेहरा भी नहीं देख पा रहे हैं और अंतिम संस्कार कर दिया जा रहा है। नरसिंहपुर जिले से एक ऐसी हृदयविदारक घटना घटी है कि सुनने वाले हर शख्स रुआंधा हो जाए। यहां तीन सगे भाइयों की बीती रात अलग-अलग शहरों में कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई। एक साथ विधवा हुईं तीन बहुओं बुरी तरह चीख रही हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 11, 2021 6:16 AM IST / Updated: Apr 11 2021, 11:52 AM IST
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कोरोना की सबसे दर्दनाक तस्वीर: एक रात में 3 भाइयों की मौत, देवरानी-जेठानी की चीखें सुन फट जाएगा कलेजा


दरअसल, कोरोना की यह विकराल स्वरूप वाली तस्वीर नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा शहर की  है। जहां शुक्रवार और शनिवार की दरमियान रात जवाहर वार्ड में रहने वाले एक यादव परिवार के तीन दिए बुझ गए। जिसमें दो की सांसे कोरोना ने छीन लीं तो एक ने दो भाइयों की मौत की खबर सुनते ही सदमे में दम तोड़ दिया। तीनों मृतक भाइयों की पहचान दिलीप यादव, संदीप यादव और प्रदीप यादव की मौत हो गई।
 

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बता दें कि सबसे पहले कोरोना ने बड़े भाई दिलीप यादव को अपनी चपेट में लिया था। जिसके बाद पिछले रविवार को उनको जबलपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद तीसरे नंबर के भाई संदीप एवं उनकी पत्नी भी संक्रमित हो गए, इनको भी जबलपुर में एडमिट कराया गया। दोनों की कोरोना की खबर जैसे ही दूसरे नंबर के भाई प्रदीप को पता चली तो उनकी अचानक शुगर बड़ गई नौबत यहां तक आ गई कि उन्हें भी भर्ती कराना पड़ा गया।
 

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 शुक्रवार रात को इलाज के दौरान बड़े भाई दिलीप यादव कोरोना से लड़ते हुए जिंदगी की जंग हार गए। जैसे ही यह खबर प्रदीप को पता चली तो सदमे में उन्होंने भी दम तोड़ दिया। वहीं तीसरे नंबर के भाई देर रात संदीप की भी सांसे थम गईं। इस घटना की जानकारी लगते ही पूरे शहर में हड़कंप मच गया और हर तरफ तीनों भाइयों की मौत की चर्चा होने लगी।
 

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बता दें कि मृतक परिवार के चार बेटे थे, जिसमें तीन अब दुनिया को अलविदा कह गए, बुजुर्ग माता-पिता और मृतकों के बच्ची बुरी तरह बिलख रहे हैं। आलम यह हो कि कोरोना महामारी के चलते आस पड़ोस वाले भी दूर से ही सांत्वना दे रहे हैं। वह चाहकर भी उनके पास जकर दर्द नहीं बांट पा रहे हैं। तीनों भाईयों में सबसे छोटा संदीप कांग्रेस से पार्षद रहे चुके हैं। वह ट्रेवल्स का कारोबार थे। जबकि  दिलीप यादव पाथरखेड़ा में नौकरी करते थे। वहीं प्रतीप जबलपुर में नौकरी करते थे।

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