हादसे से जिंदा बचे अनिल तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उसने ऐसा भयावह हादसा अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखा। जैसे ही बस पानी में समा रही थी वैसी ही सवारी बंद खिड़की को जोर से हाथ मारने लगीं। कोई कुछ समझ ही नहीं पा रहा था कि यह क्या हो रहा है। मैं पीछी वाली सीट पर बैठा हुआ था, किसी तरह मैंने खिड़की का कांच तोड़ लिया। फिर मेरे बगल में बैठे सुरेश गुप्ता को बचाने के लिए उनको भी खिड़की से बाहर खींच लिया। हम दोनों को तैराना आता था, काफी देर तक तैरने के बाद एक पत्थर मिला, जहां पर पहुंचकर जिंदगी बचाई।