दुश्मनों के होश ठिकाने लगाने वाली भारत की बेटी से मिलिए, रच चुकी इतिहास..मां के आंसू को बनाया करियर


भोपाल.  8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना (Air Force Day) अपना 88 वां स्थापना दिवस मनाने जा रही है। जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बता दें कि इस मौके पर राफेल (Rafale) उड़ान भरेगा। इस मौके पर हम बताने जा रहे हैं एक ऐसी लेडी और जांबाज पायलट के बारे में जो पहली वुमन फाइटर पायलट है। जिनका नाम है अवनी चतुर्वेदी जो भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर अपने सेवाएं दे रही हैं। उन्होंने अकेले ही मिग-21 फाइटर प्लेन उड़ाकर इतिहास रच दिया। हम आपको बताते हैं अवनि चतुर्वेदी के बारे में...
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 6, 2020 10:13 AM IST / Updated: Oct 06 2020, 03:46 PM IST

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दुश्मनों के होश ठिकाने लगाने वाली भारत की बेटी से मिलिए, रच चुकी इतिहास..मां के आंसू को बनाया करियर

अवनी  2018 में गुजरात के जामनगर एयरबेस से उड़ान भरी और सफलतापूर्वक अपना मिशन पूरा किया। वह अकेले फाइटर एयरकाफ्ट उड़ाने वाली भारत की पहली महिला बन गई हैं। जिनको पिछले साल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था।

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अवनी का जन्म 27 अक्टूबर 1993 को मध्य प्रदेश के शहडोल जिला में हुआ था। उनके पिता श्री दिनकर चतुर्वेदी मध्य प्रदेश सरकार के वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट में एक एग्जिक्युटिव इंजीनियर थे और उनकी मां एक घरेलू महिला हैं। अवनी के बड़े भाई भी एक आर्मी ऑफिसर हैं।

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अवनी ने एक इंटरव्यू में बातचीत के दौरान कहा था, "मैं क्लास 3rd में थी, तब टीवी पर कल्पना चावला की स्पेसशिप क्रैश में मौत की खबर देखी थी। उस खबर ने मेरी मां सविता चतुर्वेदी को अपसेट कर दिया था। वो टीवी स्क्रीन के सामने बैठकर रो रही थीं। मैं उनके पास गई और बोली- मां रोइए मत। मैं अगली कल्पना चावला बनूंगी।"

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अवनि चतुर्वेदी ने हैदराबाद एयर फोर्स अकादमी से 25 वर्ष की आयु में ट्रेनिंग पूरी कर चुकी हैं। वह इस समय सूरतगढ़, राजस्थान में नंबर 23 स्क्वाड्रन (पैंथर्स) में तैनात हैं।

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अवनि चतुर्वेदी 2018 में पदोन्नति के बाद फ्लाइट लेफ्टिनेंट बनीं। 2018 में बनसथली विद्यापीठ ने अवनि को ऑनरेरी डॉक्‍ट्रेट की उपाधि से नवाज़ा जा चुका है।
 

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अवनि की स्कूलिंग मध्यप्रदेश के शहडोल में हुई। उन्होंने 2014 में राजस्थान के वनस्थली यूनिवसिर्टी से आईटी में ग्रैजुएशन किया। बीटेक में अवनि ने 88% मार्क्स के साथ कंप्लीट की है। चतुर्वेदी को टेनिस खेलना और चित्रकारी करना पसंद है

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अवनि की इंजीनियरिंग होते ही उसे एक MNC में अच्छे पैकेज पर जॉब मिल गई थी। लेकिन ज्वाइनिंग के महज 6 महीने बाद सिलेक्शन एयरफोर्स एकेडमी में हो गया और इसने जॉब छोड़ दी।

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अवनि चतुर्वेदी की शादी नवंबर 2019 में हरियाणा के पानीपत जिले के रहने वाले विनीत छिकारा के साथ हुई है। बता दें कि विनीत वायुसेना में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट हैं।
 

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अवनि के परिवार के सदस्य सैन्य अधिकारी हैं और उन्हें इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सेना में भर्ती होने की प्रेरणा अपने भाई से मिली। अवनि का बचपन से ही लड़ाकू विमान उड़ने का सपना था। इसलिए वह अपने कॉलेज के फ्लाइंग क्लब में शामिल हुईं थीं।
 

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पिछले साल महिला दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अवनि चतुर्वेदी, भावना कांत व मोहना सिंह को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था।
 

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