दो दिनों तक गुमसुम रही मासूम और फिर चिता पर लेटी मां का चेहरा छूकर बोली,'मम्मा गई'
इंदौर, मध्य प्रदेश. अपनी मां को चिता पर लेटा देखकर एक मासूम को कुछ समझ नहीं आ रहा था। वो दिनों से गुमसुम है। उसकी उदास आंखें हर तरफ मां को ढूंढ रही हैं। जब उससे मां की चिता को अग्नि दिलवाई जा रही थी, तब उसने मां का चेहरा छुआ और सिर्फ इतना बोली, 'मम्मा गई!' यह मार्मिक दृश्य गुरुवार को देखने को मिला। उसकी मां का हत्यारा और कोई नहीं, पिता है। तलाक को लेकर चल रहे विवाद में उसके पिता ने मां और नानी को बेरहमी से मार डाला था। उल्लेखनीय है कि द्वारकापुरी के 60 फीट रोड स्थित अपनी ससुराल में घुसकर एक शख्स ने अपनी पत्नी और नानी सास की हत्या कर दी। घटना के वक्त उसकी ढाई साल की बेटी डरके मारे रोती रही। कपल ने करीब 4 साल पहले लवमैरिज की थी। आरोपी अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ ससुराल पहुंचा था। हालांकि रिश्तेदारों को इसकी उम्मीद नहीं थी। आरोपी ने अपने ससुर पर भी हमला करना चाहा। सीएसपी पुनीत गहलोद ने बताया कि घटना बुधवार शाम सवा 7 बजे शनि मंदिर के पास स्थित मकान नंबर-28 में हुई। मृतका की नानी सास कुछ दिनों पहले ही यहां किराये से रहने आई थी। आरोपी संदीप गुस्से में ससुराल पहुंचा था। उसने नानी सास 50 वर्षीय पद्माबाई और पत्नी नीतू (25) पर चाकू व मोगरी से वार करना शुरू कर दिए। संदीप और नीतू के बीच तलाक को लेकर कोर्ट में केस चल रहा था। घटना के वक्त कपल की ढाई की बेटी सौम्या खेल रही थी।
आरोपी के नाना ससुर राजकमल वर्मा ने बताया कि वे विज्ञापन की ट्राइसाइकिल चलाते हैं। बुधवार शाम को जब वे घर लौटे, तो देखा कि उनकी पत्नी पद्मा और नातिन नीतू अपनी बच्ची सौम्या के साथ बैठी थी। इस दौरान संदीप वहां पहुंचा और विवाद करने लगा। जब पद्मा ने उसे समझाना चाहा, तो उसने चाकू से हमला कर दिया। इसके बाद वो नीतू को मारने दौड़ा। उसके साथ कुछ रिश्तेदार भी थे। उनके हाथों में डंडे थे।
पति से बचने नीतू घर की ओर भागी, लेकिन सफल नहीं हो सकी। संदीप ने उसके गाल और सीने में चाकू से वार किए। फिर मोगरी से मारा। चीख-पुकार सुनकर आसपड़ोस के लोग वहां पहुंचे। उन्होंने संदीप को पकड़ा, तो वो चाकू का डर दिखाकर वहां से भाग गया। घटना के बाद 108 एम्बुलेंस को सूचना दी गई। दोनों को हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी।
पुलिस के अनुसार नीतू और संदीप ने करीब 4 साल पहले लवमैरिज की थी। हालांकि शादी के बाद से ही दोनों में खटपट होने लगी थी। कुछ दिनों पहले ही नीतू अपनी बेटी को लेकर नाना-नानी के घर आ गई थी। वो यहां सिलाई का काम करने लगी थी।
आरोपी ठेकेदारी करता है। अपनी मां की मौत के बाद सौम्या का रो-रोकर बुरा हाल है। लोगों ने उसे बिस्कुट या अन्य खाने की चीजों का प्रलोभन देकर चुप कराने की कोशिश की, लेकिन वो सिसकती रही।
सौम्या को संभालने वाला अब घर में कोई नहीं है। मां दुनिया से चली गई और पिता अब जेल जाएगा। गुरुवार को पड़ोसियों ने मां-बेटी के दाह संस्कार का इंतजाम किया। मुखाग्नि सौम्या ने दी। पंचकुइया मुक्तिधाम पर यह मार्मिक दृश्य देखकर सब रो पड़े। सौम्या के परनाना(नानी के पिता) रामफल वर्मा बुजुर्ग और गरीब हैं। उनकी आर्थिक हालत इतनी नहीं थी कि दाह संस्कार कर पाते। पड़ोसियों ने अंतिम संस्कार से लेकर तेरहवीं तक का सारा इंतजाम किया है।
इस बीच एक पड़ोसी राहुल वाधवानी ने सौम्या को गोद लेने की इच्छा जताई है। सौम्या के परनाना ने इसकी अनुमति दे दी है। अब इसके लिए कानूनी प्रक्रिया की जाएगी। राहुल ने ही सौम्या के हाथों उसकी मां और परनानी को मुखाग्नि दिलाई थी।