सरकार ही नहीं, घर में भी 'सत्ता' को लेकर मची रहती है कलह, जानिए सिंधिया राजघराने से जुड़ीं ये खास बातें

भोपाल, मध्य प्रदेश. स्वतंत्रता संग्राम के बाद ग्वालियर के सिंधिया राजघराने ने एक बार फिर से 'सियासी' गदर मचा दी है। कांग्रेस में अपनी उपेक्षा से नाराज होकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी ही सरकार की नींव हिलाकर रख दी है। उल्लेखनीय है कि सिंधिया राजघराने पर अंग्रेजों की मदद करने का आरोप लगता रहा है। इतिहास में दर्ज है कि ग्वालियर में शरण न मिलने पर ही झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को अंग्रेजों को हाथों अपनी जान गंवानी पड़ी थी। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस के इतिहास को बदलने की ठान ली है। करीब 18 साल तक कांग्रेस में रहकर 'भाजपा शरण गच्छामि' हो रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने घर में भी कलह का सामना करते रहे हैं। दरअसल, यह कलह बेशकीमती प्रॉपर्टी को लेकर रही है। सिंधिया परिवार के पास ग्वालियर के भव्य जयविलास पैलेस के अलावा देशभर में 40000 करोड़ रुपए से ज्यादा की प्रॉपर्टी है। इसे लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी बुआओं के बीच मनमुटाव की खबरें आती रही हैं। हालांकि खुलकर कोई सामने नहीं आता। आइए जानत हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके राजघराने से जुड़ीं कुछ खास बातें...

Asianet News Hindi | Published : Mar 11, 2020 7:01 AM IST

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सरकार ही नहीं, घर में भी 'सत्ता' को लेकर मची रहती है कलह, जानिए सिंधिया राजघराने से जुड़ीं ये खास बातें
बताते हैं कि अंग्रेज सिंधिया राजवंश को 21 तोपों की सलामी देते थे। कहते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव और इनकी दादी विजयाराजे सिंधिया के बीच कभी कुछ ठीकठाक नहीं रहा। न घर में और न राजनीति में। विजयराजे हमेशा चाहती रहीं कि माधवराज भाजपा में आ जाएं, लेकिन बात नहीं बनी।
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माधवराज सिंधिया और विजयराजे के निधन के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी बुआओं-ऊषा राजे, वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे के बीच कभी पटरी नहीं बैठी। एक बार तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यामन ने कोर्ट में अर्जी देकर खुद को पूरी प्रॉपर्टी का वारिश बताया था। हालांकि यह अर्जी खारिज कर दी गई थी।
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ज्योतिरादित्य सिंधिया की वैसे तो दिल्ली, मुंबई और दूसरे अन्य शहरों में कई प्रॉपर्टी है, लेकिन ग्वालियर स्थित जयविलास पैलेस उनका पुश्तैनी घर है। 1240771 वर्ग फीट में फैला यह भव्य खूबसूरत महल माधवराव सिंधिया ने 1874 में बनवाया था। उस वक्त इसके निर्माण पर एक करोड़ खर्चा आया था। आज के समय में इसकी कीमत कई गुना ज्यादा है।
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इतिहास में दर्ज है कि जब इंग्लैंड के शासक एडवर्ड-VII भारत के दौरे पर आने वाले थे, तब उनके रुकने और स्वागत में जयविलास पैलेस का निर्माण कराया गया था। इसके आर्किटेक्ट फ्रांस के मिशेल फिलोस थे।
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जयविलास पैलेस में लटकता 3500 किलो का झूमर आकर्षण का केंद्र है। इसे ऊपर चढ़ाने के लिए हाथियों की मदद ली जाती थी। जयविलास में करीब 400 कमरे हैं। इसमें से 40 कमरों में म्यूजियम बनाया गया है।
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वर्ष, 2001 में माधवराव सिंधिया की मैनपुरी(यूपी) में एक हवाई जहाज दुर्घटना में मौत हो गई थी। इसके एक साल बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया राजनीति में उतरे। वे 2002 से लेकर 14 तक लगातार 4 बाद सांसद रहे। हालांकि 2019 के इलेक्शन में उन्हें अपने ही चेले केपी यादव से हार का सामना करना पड़ा था।
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ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म ज्योतिरादित्य का जन्म 1 जनवरी, 1971 को मुंबई के समुद्रमहल में हुआ था। ज्योतिरादित्य सिंधिया की एक बहन है चित्रांगदा, जो उनसे तीन साल बड़ी हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है।
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ज्योतिरादित्य सिंधिया की शादी 12 दिसंबर, 1994 में बड़ौदा के गायकवाड़ राजघराने की राजकुमारी प्रियदर्शिनी राजे से हुई थी। प्रियदर्शिनी दुनिया की टॉप-50 ब्यूटीफुल वुमंस में शामिल रही हैं। इस कपल के दो बच्चे हैं। बेटा महाआर्यामन सिंधिया और बेटी अनन्या।
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