450 किमी पैदल चलकर घर पहुंचते ही थककर ऐसा गिरा 22 साल का युवक कि फिर न उठ सका

Published : Apr 03, 2020, 12:26 PM ISTUpdated : Apr 03, 2020, 12:32 PM IST

वर्धा, महाराष्ट्र. कोरोना ने जैसे दुनियाभर की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिए हैं। जिंदगी बचाने दुनियाभर में लॉक डाउन किया गया। भारत में 21 दिनों का लॉक डाउन किया गया है। लाजिमी है कि परिस्थितियोंवश सबकुछ ठप हो जाने पर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी मजदूरों और उन लोगों को हुई, जो अपने घर से दूर दूसरे शहरों में फंस गए। ऐसे में सैकड़ों लोग पैदल ही अपने घर की ओर निकल पड़े। इनमें से कई घर ही नहीं पहुंच पाए। कोई रास्ते में एक्सीडेंट का शिकार हो गया, तो कोई बीमारी में मर गया। 22 साल का एक युवक वर्धा से करीब 450 किमी दूर तमिलनाडु के नामक्कल जिले में स्थित अपने गांव पहुंच तो गया, लेकिन वो जिंदा नहीं रह सका। उसकी सांसें उखड़ गईं। हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई। बालासुब्रमण्यम लोगेश नामक युवक 30 दोस्तों के साथ एक ट्रैनिंग के सिलसिले में वर्धा आया था। वो एग्रो फील्ड में काम करता है। लॉक डाउन के बाद उसे घर जाने का कोई साधन नहीं मिला, तो वो पैदल ही घर को निकल गया था।

PREV
17
450 किमी पैदल चलकर घर पहुंचते ही थककर ऐसा गिरा 22 साल का युवक कि फिर न उठ सका
बुधवार को लोगेश साथियों के साथ हैदराबाद के पास बोवेनपल्ली एरिया में पहुंचा। यहां पुलिसवालों ने सबको खाना खिलाया। लगभग आधी रात को लोगेश बेहोश हो गया। पुलिस की मदद से उसे हॉस्पिटल ले जाया गया, पहां उसे मृत घोषित कर दिया। उसे हार्ट अटैक आया था। लोगेश बस घर पहुंचने ही वाला था, लेकिन उससे पहले ही उसे मौत अपने साथ ले गई।(नोट: पहला फोटो लोगेश का नहीं है, बल्कि उन लोगों का है, जो मजबूरी में अपने घरों से दूर फंसे हुए हैं।)
27
यह तस्वीर मुंबई की है। लॉक डाउन के कारण मजदूरों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है।
37
लॉक डाउन में परिवहन सुविधा बंद होने से लोग पैदल ही अपने घरों को लौटते देखे गए।
47
यह तस्वीर मुंबई की है। गरीबों को लॉक डाउन में खाने-पीने की सबसे ज्यादा फिक्र हो रही है। हालांकि सरकार और स्वयंसेवी संगठन ऐसे लोगों की मदद करने आगे आए हैं।
57
लॉक डाउन के दौरान दूसरे शहरों में फंसे लोगों की जिंदगी ऐसे गुजर रही है।
67
यह तस्वीर मुंबई की है। लॉक डाउन के दौरान मायूस बैठी एक महिला।
77
लॉक डाउन में इन गरीबों को लोगों की मदद की सबसे ज्यादा जरूरत है।

Recommended Stories