हॉस्पिटल से आई एक दुखद तस्वीर, जिस ICU में जिंदगी बचनी थी, वहां मिली दर्दनाक मौत

Published : Nov 22, 2019, 12:48 PM ISTUpdated : Nov 22, 2019, 01:25 PM IST

मुंबई. यह मुंबई के KEM हॉस्पिटल के कुप्रबंधन की भयावह तस्वीर है। 2 महीने के प्रिंस के दिल में छेद था। उसे ऑपरेशन के लिए हॉस्पिटल के ICU में भर्ती कराया गया था। बच्चे के मां-बाप को उम्मीद थी कि यहां उसके लाड़ले को नया जीवन मिलेगा, लेकिन हुआ उल्टा। दो हफ्ते पहले ICU में शॉर्ट सर्किट से लगी आग में प्रिंस का हाथ और कान जल गया था। प्रिंस का हाथ तक काटना पड़ा। इसके बावजूद बच्चे की शुक्रवार को मौत हो गई। इस मामले में BMC ने मुआवजा देने का प्रस्ताव रखा, लेकिन परिजनों ने कहा कि उन्हें पैसा नहीं प्रिंस चाहिए। इस मामले में 13 नवंबर को पुलिस में FIR दर्ज कराई गई थी। प्रिंस की मौत से उसके परिजन टूट गए हैं। उन्हें इसकी कतई आशंका नहीं थी कि जिस हॉस्पिटल में वे अपने बच्चे की जिंदगी बचाने लाए हैं, वहां उसे मौत मिलेगी।

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हॉस्पिटल से आई एक दुखद तस्वीर, जिस ICU में जिंदगी बचनी थी, वहां मिली दर्दनाक मौत
यूपी के वाराणसी के रहने वाले पन्नेलाल राजभर और उनकी पत्नी संध्या उस घड़ी को कोस रहे हैं, जब वे दो हफ्ते पहले अपने बच्चे को KEM हॉस्पिटल में लाए थे। बच्चे को भर्ती कराने के 48 घंटे बाद ही ईसीजी मशीन में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई थी। आग की चिंगारी प्रिंस के बेड तक जा पहुंची और वो बुरी तरह झुलस गया। KEM के डीन डॉ. हेमंत देशमुख इस घटना से स्तब्ध हैं। वे मानते हैं कि पीडियाट्रीक इंटेन्सिव यूनिट सालभर पुरानी भी नहीं है।
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प्रिंस की घटना के बाद KEM हॉस्पिटल ने उसके इलाज के लिए 5 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया था। हालांकि प्रिंस की मौत के बाद उसके परिजनों ने मुआवजा लेने से मना कर दिया। उनका कहना है कि अगर कोई उनका प्रिंस लौटा सकता है, तो लौटा दे।
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प्रिंस के पिता ने 13 नवंबर को भोईवाड़ा पुलिस थाने में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। इससे पहले 19 नवंबर को प्रिंस की एक छोटी-सी सर्जरी की गई थी। इसके बाद से उसकी तबीयत में गिरावट आती गई। उसके फेफड़ों में निमोनिया भी मिला था। शुक्रवार को उसे दिल का दौरा पड़ा और मौत हो गई।
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KEM हॉस्पिटल BMC की देखरेख में चलता है। प्रिंस की घटना के बाद BMC हरकत में आया था। उसने भी आर्थिक मदद का ऐलान किया था। नगरसेवक अशरफ आजमी ने भी 10 लाख रुपये का मुआवजा और भविष्य में मुंबई में रहने पर उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने का अनुरोध किया था। इसके अलावा भी कई लोग उसकी मदद के लिए आगे आए थे। लेकिन प्रिंस की मौत के बाद सब मायूस हैं।
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उल्लेखनीय है कि प्रिंस की जिंदगी बचाने कई संगठन आगे आए थे। BMC और हॉस्पिटल मैनेजमेंट भी अपनी तरफ से मदद कर रहा था, लेकिन उसकी मौत के साथ ही सबकुछ खत्म हो गया। परिजन को विश्वास ही नहीं हो रहा कि अब उनका प्रिंस नहीं रहा।

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