पुणे, महाराष्ट्र. मराठवाड़ा के एक छोटे से गांव शेलगांव में पैदा हुए अंसार शेख की संघर्ष गाथा हर युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। बेहद गरीब परिवार में पले-पढ़े अंसार शेख 2015 में IAS बने थे। तब ये महज 23 साल के थे। अंसार यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले देश के सबसे छोटी उम्र के IAS थे। यह कोई चमत्कार नहीं था, बल्कि उनके संघर्ष का परिणाम था। उनके पिता ने चार शादियां की थीं। पिता ऑटो चलाकर परिवार पाल रहे थे। इतने पैसे नहीं थे कि बेटे को कॉलेज भेज सकें। कई बार उन्होंने बेटे को पढ़ाई छोड़कर कोई काम-धंधा शुरू करने को कहा। लेकिन बेटे को जैसे पता था कि उसकी मंजिल क्या है। स्कूल में मिड डे मील खाकर अपना पेट भरने वाले अंसार जब कॉलेज में पहुंचे, तो उनके पास सिर्फ एक जोड़ी चप्पल थीं और दो जोड़ी कपड़े। लेकिन लगन ऐसी कि तमाम कठिनाइयों को पार करके यूपीएसएसी का एग्जाम पास किया। अंसार की मां खेतों में काम करती थीं, ताकि परिवार चलाने में कुछ मदद हो सके। लेकिन संघर्ष देखिए.यह परिवार ऐसे गांव में रहता था, जो अकसर सूखे की मार झेलता है। मगर कोई भी जिंदगी से हार मानने को तैयार नहीं था। एक बार अंसारी ने कहा था कि उनके पिता 100-200 रुपए रोज कमाते थे। ऐसे में कई बार एक टाइम का खाना ही नसीब होता था। लेकिन कुछ बनना था, इसलिए कोशिशों में कमी नहीं आने दी। अंसारी को पश्चिम बंगाल कैडर मिला था। पढ़िए संघर्ष की अनूठी कहानी...