संदीप ने कहा-पिता की मौत के बाद मैं टूट चुका था, फिर किसी तरह खुद को संभाला और पिता की तेरहवीं की तैयारी में लग या। मैंने बाजार से फूल लाकर में के स्वागत के लिए रखे थे, सोचा था जब वह कोरोना को हराकर घर लौटेंगी तो उनका इन फूलों से वेलकम करूंगा। लेकिन वही फूल उनके अंतिम संस्कार में चढ़ाने पड़े। (तस्वीर में मृतक महिला)