महाराष्ट्र से पहले हुई हैं ये बेमेल राजनीतिक यारियां, कभी 4 महीने तो कभी 2 साल से ज्यादा नहीं चली 'सरकार'

मुंबई: महाराष्ट्र में आखिरकार शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनना तय हो गया है। खबरों के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा। 288 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में सत्ता में काबिज बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन चुनाव में उतरा था। विरोध में एनसीपी-कांग्रेस का गठबंधन था। नतीजों में दोनों गठबंधन ने एक दूसरे पर आरोप लगाने में कुछ बाकी नहीं छोड़ा। 24 अक्टूबर को नतीजे आए और बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला। मगर सत्ता में बंटवारे को लेकर बात बन नहीं पाई। अब सभी को हैरान कराते हुए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने मिलकर राज्य में नई सरकार बनाने का फैसला किया है। राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक तक इस बेमेल गठबंधन की चर्चा है। वैसे ये पहला मौका नहीं है जब सरकार बनाने के लिए अलग-अलग राज्यों में इस तरह के "बेमेल" गठबंधन बने हैं। आइए एक नजर डालते हैं; कब-कब इस तरह के गठबंधन सामने आएं और किसने सरकार बनाई...

Asianet News Hindi | Published : Nov 11, 2019 12:43 PM IST / Updated: Nov 22 2019, 07:14 PM IST
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महाराष्ट्र से पहले हुई हैं ये बेमेल राजनीतिक यारियां, कभी 4 महीने तो कभी 2 साल से ज्यादा नहीं चली 'सरकार'
बोफोर्स कांड के बाद हुए लोकसभा चुनाव में वीपी सिंह के नेतृत्व में जनता दल की सरकार बनी। सरकार को बीजेपी से समर्थन मिला। तत्कालीन गठबंधन पर बहुत हैरानी जताई गई। हालांकि बीजेपी सरकार मेन क्षमाइल नहीं हुई। 1990 में मंडल विरोधी आंदोलन और राम मंदिर आंदोलन के बहाने बीजेपी ने वीपी सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गई।
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सपा-बसपा गठबंधन ने मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में बहुमत से सरकार बनाई थी। मगर बाद में विवाद की वजह से अलग हुईं। गेस्ट हाउस कांड भी हुआ। इसके बाद 3 जून 1995 में बीजेपी के सहयोग से सीएम बनीं। हालांकि सरकार कुछ ही महीओन चल पाई और अक्टूबर में मायावती को इस्तीफा देना पड़ा।
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शरद पवार ने सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे को तूल देकर कांग्रेस से नाता तोड़ा और अलग पार्टी बना ली थी। मगर 1999 में ही महाराष्ट्र में कांग्रेस संग गठबंधन किया। उस वक्त इस पर काफी हैरानी जताई गई थी। कांग्रेस नेता विलासराव देशमुख मुख्यमंत्री बने थे।
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2015 में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी से मतभेद के बाद नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए। राजद, कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाया। चुनाव के बाद नीतीश के नेतृत्व में सरकार भी बनी। मगर बाद में ये टूट गया और बाद में बीजेपी संग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकार बनाई।
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2016 में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और बीजेपी के गठबंधन से हर कोई हैरान रह गया था। दोनों पार्टियों के गठबंधन की सरकार 2016 में बनी मगर आगे चलकर साथ टूट गया और 2018 में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई।
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2018 कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिला। सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी थी मगर उसे रोकने के लिए कांग्रेस ने अपने से बेहद कम विधायको वाली पार्टी जेडीएस को समर्थन दे दिया। कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने। कांग्रेस-जेडीएस के गठबंधन पर लोग हैरान रह गए थे। 2019 में बीजेपी के अविश्वास प्रस्ताव पर कुमारस्वामी की सरकार गिर गई। फिलहाल राज्य की सत्ता में बीजेपी है।
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लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में मायावती के नेतृत्व में बसपा ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर लिया। ये सबसे हैरान करने वाला गठबंधन था। हालांकि चुनाव में गठबंधन की बुरी हार के बाद मायावती ने सपा के साथ फिर से रिश्ता तोड़ लिया।
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