एक मां ऐसी भी: लॉकडाउन में सड़क किनारे बच्चे को जन्मा, 1 घंटे बाद उसे गोद में लेकर 150 KM चली पैदल

Published : May 10, 2020, 07:50 PM ISTUpdated : May 10, 2020, 09:07 PM IST

बड़वानी (मध्य प्रदेश). 10 मई को पूरी दुनिया में मदर्स डे मनाया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते हालात कुछ और ही देखने को मिल रहे हैं। लॉकडाउन के बीच एक मां की रुप कंपाने देने वाली कहानी सामने आई है। जिसको सुनकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे और उस मां के जिगर को सैल्यूट करने पर बिबस हो जाएंगे।

PREV
14
एक मां ऐसी भी: लॉकडाउन में सड़क किनारे बच्चे को जन्मा, 1 घंटे बाद उसे गोद में लेकर 150 KM चली पैदल


सड़क किनारे दिया बच्चे को जन्म: दरअसल, यह मामला एमपी-महाराष्ट्र के बिजासन बॉर्डर पर देखने को मिला। जहां शनिवर को शकुंतला नाम की एक महिला पति राकेश कौल के साथ पहुंची थी। तपती दोपहरी में वह लंबे-लंबे कदमों से अपना सफर तय कर रही थी। उसकी गोद में एक 5 दिन का नवजात भी था। बिजासन चेक-पोस्ट पर ड्यूटी पर तैनात इंचार्ज कविता कनेश ने जब उनको रोककर इस बच्चे के बारे में पूछा तो महिला ने बताया कि यह बच्चा मेरा है मैडम डी, इसको मैंने सड़क किनारे मुंबई-आगरा हाइवे पर जन्म दिया है, पीड़िता की बात सुनते ही लेडी पुलिसकर्मी के होश उड़ गए।

24

बच्चे को गोद में लेकर चली डेढ़ सौ किलोमीटर पैदल: बता दें कि महिला 70 किलोमीटर पदैल चलने के बाद इस बच्चे को जन्म दिया था, जिसकी मदद चार राहगीर महिलाओं ने की थी। इतना ही नहीं इस महिला के जज्बे को देखिए बच्चा जन्म देने के बाद वह करीब एक घंटे बाद नवजात को गोद में लेकर करीब 160 किलोमीटर पैदल और चली। (प्रतीकात्मक फोटो)

34

पीड़ित पति ने बयां किया अपना दर्द: जानकारी के मुताबिक, महिला प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में अपने पति के साथ नासिक से सतना के लिए पैदल निकली थी। नासिक से सतना की दूरी करीब 1 हजार किलोमीटर है। इसके बाद भी उसने हिम्मत नहीं खोई और पैदल चलती गई। उसके पति राकेश कौल ने बताया कि हमारी यह यात्रा बहुत ही कठिन थी। लेकिन क्या करते आने की मजबूरी थी, अगर वहां रहते तो शायद भूखे मर जाते। लॉकडाउन के चलते सारे काम-धंदे बंद हो गए हैं। जो जमा पूंजी थी वह भी धीरे-धीरे खत्म हो गई। ऐसे हालातों में हमने अपने गांव सतना जिले में ऊंचाहरा गांव आने का फैसला लिया। (प्रतीकात्मक फोटो)

44

युवक की बात सुनकर महिला अधिकारी भी हुईं इमोशनल: युवक ने बताया कि जैसे ही हम लोग नासिक जिले के पिंपलगांव पहुंचे तो पत्नी को प्रसव पीड़ा होने लगी, इसके बाद भी उसने हिम्मत नहीं हारी और करीब 70 किलोमीटर दूर तक चलती गई। युवक की बात सुनकर इंचार्ज कविता कनेश पहले पूरे परिवार को खाना खिलाया, फिर उनकी एक दो साल की बेटी को चप्पल दिलवाई और प्रशासन की मदद के बाद उनको  एक वाहन के जरिए घर भेजने की व्यवस्था की। (प्रतीकात्मक फोटो)


 

Recommended Stories