यही मानवता: ईद की नमाज के बाद मुस्लिमों ने हिंदू का किया अंतिम संस्कार, राम नाम सत्य बोल उठाई अर्थी


पुणे. ईद वाले दिन हिन्दू-मुस्लिम एकता की सांप्रदायिक सौहार्द की अनोखी मिसाल देखने को मिली। जहां पुणे में मुस्लिम युवकों ने ईद की नमाज के बाद एक हिंदू बुजुर्ग की अर्थी को कंधा देते हुए उसका हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया। दु:ख की इस घड़ी में जब मुस्लिम मजहब की दीवार तोड़कर कंधा मिलाकर एक साथ खड़े हुए तो हर किसी की जुबां से निकला, ये हमारा भारत है। 

Asianet News Hindi | Published : May 25, 2020 3:08 PM IST / Updated: May 25 2020, 08:48 PM IST

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यही मानवता: ईद की नमाज के बाद मुस्लिमों ने हिंदू का किया अंतिम संस्कार, राम नाम सत्य बोल उठाई अर्थी

दरअसल, पुणे के केसनंद इलाके में रहने वाले 75 साल के बुजुर्ग शेकू क्षीरसागर की बीमारी के चलते सोमवार को मौत हो गई थी। मृतक यहां अपनी पत्नी के साथ अकेले रहते थे। बुजुर्ग के परिवार के अन्य सदस्य बाहर रहते हैं, लॉकडाउन के चलते रिश्ते नातेदार नहीं आ सके। जैसे ही यह बात आसपास के मुस्लिमों को पता चली तो वह मृतक के घर पहुंच गए।

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जानकारी के मुताबिक, मृतक के पड़ोस में रहने वाले रहीम शेख नाम के शख्स को जब यह  बात पता चली तो वह जान मुहम्मद पठान, अप्पा शेख, आसिफ शेख, सद्दाम शेख, अल्ताप शेख और साहबराव जगताप के साथ हॉस्पिटल पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने बुजुर्ग का शव लिया और चारों मुस्लिम युवक कंधे पर शव को उठाकर 'राम नाम सत्य है' कहते हुए श्मशान तक पहुंचे।

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मुस्लिमों ने अर्थी को श्मशान घाट ले जाकर आपस में चंदा जुटाकर चिता की लकड़ी भी सजाई। मुस्लिम समुदाय की इस पहल की हर किसी ने सराहना की।

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बुजुर्ग का अंतिम संस्कार करने वाले रहीम शेख ने बताया, मृतक के परिवार के अन्य लोग शहर से बाहर रहते हैं। ऐसे में उनकी पत्नी के अलावा यहां कोई नहीं था। कोरोना संक्रमण को देखते हुए पड़ोस का कोई बाहर नहीं आया तो  हम लोगों ने उनकी मदद की। आज ईद है और बुरे वक्त में किसी की मदद करना सबसे बड़ी इबादत है।

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