जानकारी के मुताबिक, मृतक के पड़ोस में रहने वाले रहीम शेख नाम के शख्स को जब यह बात पता चली तो वह जान मुहम्मद पठान, अप्पा शेख, आसिफ शेख, सद्दाम शेख, अल्ताप शेख और साहबराव जगताप के साथ हॉस्पिटल पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने बुजुर्ग का शव लिया और चारों मुस्लिम युवक कंधे पर शव को उठाकर 'राम नाम सत्य है' कहते हुए श्मशान तक पहुंचे।