मैं 85 का हूं, अपनी जिंदगी जी चुका हूं, यह कहकर RSS कार्यकर्ता ने एक युवा को सौंप दिया अपना बेड

नागपुर (महाराष्ट्र). पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप हालात दिन ब दिन बिगड़ते जा रहे हैं। अस्पतालों का हाल देखकर हर कोई डरा हुआ है। जहां लोग बेड, ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाओं के लिए जूझ रहे हैं। वहीं, मुश्किल घड़ी में कई लोग मिसाल कायम कर रहे हैं। महाराष्ट्र के 85 साल के एक बुजुर्ग ने जो इंसानियत दिखाई है, वह शायद कभी देखने को ना मिले। इस योद्धा ने अपना बेड एक युवा को यह कहते हुए दे दिया कि उसने अपनी जिदंगी जी ली है। इस बेड पर अब उसका अधिकार है, मेरा क्या, लेकिन तुम चले गए तो तुम्हारे छोटे-छोटे बच्चे अनाथ हो जाएंगे। यह कहते हुए वह अपने घर चले गए और तीन दिन बाद उनकी मौत हो गई। पढ़िए समाज और राष्ट्र के सच्चे सेवक की जिंदादिल कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Apr 28, 2021 6:04 AM IST / Updated: Apr 28 2021, 01:27 PM IST

14
मैं 85 का हूं, अपनी जिंदगी जी चुका हूं, यह कहकर RSS कार्यकर्ता ने एक युवा को सौंप दिया अपना बेड

राष्ट्र के इस सच्चे सेवक का नाम नारायण दाभडकर है। ये मूलरूप से नागपुर के रहने वाले हैं। वह RSS स्वयंसेवक थे। कुछ दिन पहले उनकी रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई थी। उनका ऑक्सीजन लेवल कम होने के चलते उन्हें इंदिरा गांधी शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन, एक महिला को परेशान होता देख उन्होंने अपना बेड उसके पति को दे दिया।

24

बता दें कि जिस वार्ड में नारायण भर्ती थे, वहीं एक महिला 40 साल के अपने पति को लेकर पहुंची थी, लेकिन  वहां एक भी बेड खाली नहीं था। वह जोर-जोर से रोने लगी, महिला का रोना सुनकर नारायण अपने बेड से उठ गए। उन्होंने डॉक्टर्स को पास बुलया। कहा- “मैं 85 वर्ष का हो चुका हूं। जीवन देख लिया है, लेकिन अगर उसका पति मर गया तो बच्चे अनाथ हो जाएगे। इसलिए मेरा धर्म है कि मैं उस इंसान की जिंदगी बचाऊं। इसलिए प्लीज मेरा बेड इस महिला के पति को दे दीजिए। इसकी जरूरत इस वक्त मुझसे ज्यादा इस इंसान को है। मैं अपने घर जा रहा हूं।

34

उनके निवेदन के बाद अस्पताल ने उनसे एक कागज पर लिखवाया, ‘मैं अपना बेड दूसरे मरीज को अपनी मर्जी से दे रहा हूं। इसमें किसी का कोई दबाव नहीं है।' इसके बाद वह अपनी बेटी और दामाद के साथ घर लौट गए। तीन बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और नारायण इस दुनिया को छोड़कर चले गए।
 

44

सोशल मीडिया पर आरएसएस के स्वयंसेवक नारायण राव दाभाडकर की कहानी हीरो की तरह शेयर हो रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी भावुक अंदाज में उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने लिखा- ''दूसरे व्यक्ति की प्राण रक्षा करते हुए श्री नारायण जी तीन दिनों में इस संसार से विदा हो गये। समाज और राष्ट्र के सच्चे सेवक ही ऐसा त्याग कर सकते हैं, आपके पवित्र सेवा भाव को प्रणाम! आप समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं। दिव्यात्मा को विनम्र श्रद्धांजलि। ॐ शांति!''

-----

Asianet News का विनम्र अनुरोधः आइए साथ मिलकर कोरोना को हराएं, जिंदगी को जिताएं...। जब भी घर से बाहर निकलें माॅस्क जरूर पहनें, हाथों को सैनिटाइज करते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। वैक्सीन लगवाएं। हमसब मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग जीतेंगे और कोविड चेन को तोडेंगे। #ANCares #IndiaFightsCorona

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos