नागपुर (महाराष्ट्र). पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप हालात दिन ब दिन बिगड़ते जा रहे हैं। अस्पतालों का हाल देखकर हर कोई डरा हुआ है। जहां लोग बेड, ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाओं के लिए जूझ रहे हैं। वहीं, मुश्किल घड़ी में कई लोग मिसाल कायम कर रहे हैं। महाराष्ट्र के 85 साल के एक बुजुर्ग ने जो इंसानियत दिखाई है, वह शायद कभी देखने को ना मिले। इस योद्धा ने अपना बेड एक युवा को यह कहते हुए दे दिया कि उसने अपनी जिदंगी जी ली है। इस बेड पर अब उसका अधिकार है, मेरा क्या, लेकिन तुम चले गए तो तुम्हारे छोटे-छोटे बच्चे अनाथ हो जाएंगे। यह कहते हुए वह अपने घर चले गए और तीन दिन बाद उनकी मौत हो गई। पढ़िए समाज और राष्ट्र के सच्चे सेवक की जिंदादिल कहानी...