रेड लाइट एरिया में पड़ी जब RAID, तब सामने आया था सुनील शेट्टी का ये इमोशनल कनेक्शन

मुंबई.  सारी दुनिया में महामारी बनकर फैली एड्स की बीमारी पर बेशक अब काबू कर लिया गया हो, लेकिन जब इसने पैर पसारना शुरू किया था, लोगों की नींद उड़ाकर रख दी थी। सबसे ज्यादा परेशानी सेक्स वर्कर्स को हुई थी। सरकार ने दनादन छापामारी करके उनके काम को बंद करा दिया था। हालांकि समय के साथ सबसे ज्यादा सेक्स वर्कर्स इस महामारी को लेकर अलर्ट हैं। यह किस्सा एड्स की शुरुआती दौर से जुड़ा है। बात 5 फरवरी, 1996 की है। एड्स की महामारी को कंट्रोल करने पुलिस ने मुंबई के चर्चित रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा में रेड डाली थी। उस समय यहां से 456 सेक्स वर्कर्स को वहां से बाहर निकाला गया था। इनमें से 218 नेपाल की थीं। इनके लिए जिंदगी बेहद कठिन हो गई थी। न खाने को था न पहनने को। इतना पैसा भी नहीं था कि अपने घर नेपाल लौट सकें। यह बात फिल्म अभिनेता सुनील शेट्टी को पता चली, तो वे इमोशनल हो गए। उन्होंने इन सेक्स वर्कर्स को अपने खर्चे पर नेपाल भेजा। बता दें कि इस समय अकेले मुंबई में एक लाख से ज्यादा सेक्स वर्कर्स हैं। आगे पढ़ें एड्स और सेक्स वर्कर्स से जुड़ी कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Dec 1, 2020 6:19 AM IST

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रेड लाइट एरिया में पड़ी जब RAID, तब सामने आया था सुनील शेट्टी का ये इमोशनल कनेक्शन

मुंबई का कमाठीपुरा देश का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है। मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो यहां की 5 फीसदी सेक्स वर्कर्स एचआईवी पॉजिटिव हैं। सुनील शेट्टी की मदद से जब सेक्स वर्कर्स को अपने घर पहुंचने को मौका मिला, तो उन्होंने दुआएं दी थीं।

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कमाठीपुरा में देश और पड़ोसी मुल्क नेपाल से महिलाओं को लाकर बेचा जाता है। हालांकि समय के साथ अब ये सेक्स वर्कर्स एड्स को लेकर सजग हैं, लेकिन डर फिर भी बना रहता है।
 

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बिहार में कुछ साल पहले एक मामला सामने आया था। इसमें जब एक सेक्स वर्कर की एड्स से मौत हुई ,तब खुलासा हुआ था कि उससे जबरन वेश्यावृत्ति कराई जा रही थी। इसके बाद प्रशासन और सामाजिक संस्थाएं अलर्ट हुईं और जागरुकता अभियान चलाया।

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UNICEF की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में अब तक 37.9 मिलियन लोग HIV के शिकार हो चुके हैं। हर दिन 980 बच्चों एचआईवी संक्रमित होते हैं। इनमें 320 की मौत हो जाती है। 

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अकेले भारत में एचआईवी (HIV) के रोगियों की संख्या करीब 2.1 मिलियन पहुंच गई है।

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भारत में 1986 में एड्स का पहला मामला सामने आया था। चूंकि सबसे ज्यादा एड्स का खतरा असुरक्षित यौन संबंधों से भी होता है, इसलिए सेक्स वर्कर्स को जागरूक करने पर अधिक जोर दिया जाता है।

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बता दें कि दक्षिण मुंबई में स्थित कमाठीपुरा में करीब 9000 सेक्स वर्कर्स रहती हैं। यहां एड्स आदि जागरुकता के लिए समय-समय पर अभियान चलाए जाते रहते हैं।

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