प्राइवेट पार्ट पर भी थे जख्म, फट गई थी आंत; 13 दिन तक हर दिन मौत को जी रही थी निर्भया
नई दिल्ली. निर्भया को 7 साल बाद मिलता दिख रहा है। दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने मंगलवार को चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया। 22 जनवरी सुबह 7 बजे चारों को फांसी दी जाएगी। हालांकि, इस दौरान दोषियों के पास कानूनी विकल्प तलाशने का विकल्प रहेगा।
16 दिसंबर, 2012 की रात में 23 साल की निर्भया से दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 6 लोगों ने दरिंदगी की थी। साथ ही निर्भया के साथ बस में मौजूद दोस्त के साथ भी मारपीट की गई थी। दोनों को चलती बस से फेंक कर दोषी फरार हो गए थे। 29 दिसंबर को निर्भया ने सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
23 साल की निर्भया 16 से 29 दिसंबर तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करती रही। वह हर दिन मौत को जी रही थी। घटना के बाद निर्भया को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
इस दौरान तत्कालीन महिला एवं बाल कल्याण मंत्री कृष्णा तीरथ भी निर्भया से मिलने गई थीं। उन्होंने बताया था कि निर्भया की आंत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है।
दरअसल, दरिंदों ने दुष्कर्म के समय लोहे की रॉड उसके प्राइवेट पार्ट के अंधरूनी हिस्से में डाल दी थी। इससे उसके अंदरूनी भाग में काफी नुकसान पहुंचा था। भाजपा नेता विजेंदर गुप्ता भी अस्पताल में मिलने पहुंचे थे, उन्होंने बताया था कि निर्भया की छोटी आंत 20 फीट क्षतिग्रस्त हो गई थी।
गैंगरेप के बाद जब निर्भया अस्पताल में अपनी मां और पिता से मिली थी तो उन्हें देखकर रोने लगी थी। वह कुछ बोल नहीं पा रही थी। इस दौरान उसने लिखकर दिया था कि मैं जीना चाहती हूं। यह उसके आखिरी शब्द थे।