गरीब ब्राह्मण से शादी करने पर लड़की को मिलेंगे 3 लाख रु...जानें क्या है ब्राह्मण विवाह योजना और कहां शुरू हुई

कर्नाटक में राज्य ब्राह्मण विकास बोर्ड ने गठन के एक साल बाद ही दो विवाह योजनाओं की शुरुआत की। पहली- आर्थिक रूप से कमजोर पुजारी से शादी करने वाली ब्राह्मण महिलाओं को 3 लाख रुपए मिलेंगे। दूसरा प्रस्ताव समुदाय के लिए है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की महिलाओं की शादी के लिए 25,000 रु दिए जाएंगे। लेकिन ये योजना कुछ ही महिलाओं तक सीमित है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 8, 2021 3:32 AM IST / Updated: Jan 08 2021, 09:06 AM IST

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गरीब ब्राह्मण से शादी करने पर लड़की को मिलेंगे 3 लाख रु...जानें क्या है ब्राह्मण विवाह योजना और कहां शुरू हुई

भाजपा नेता और कर्नाटक राज्य ब्राह्मण विकास बोर्ड के अध्यक्ष एचएस सच्चिदानंद मूर्ति ने कहा, शादी के अलावा गरीब ब्राह्मण छात्रों की मदद भी की जाएगी। यूपीएससी-प्री स्टेज पास करने वाले छात्रों के लिए भी 14 करोड़ रुपए अलग रखे गए हैं। इनका इस्तेमाल उन्हें स्कॉलरशिप, फीस और ट्रेनिंग देने में किया जाएगा।

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यह दोनों योजनाएं पायलट प्रोजेक्ट के तहत हैं। इसलिए इन स्कीम का फायदा उठाने वाले लोग सीमित रहेंगे। भाजपा नेता और कर्नाटक राज्य ब्राह्मण विकास बोर्ड के अध्यक्ष एचएस सच्चिदानंद मूर्ति ने कहा, हमें दो स्कीम अंरुधति और मैत्रेयी लॉन्च करने की मंजूरी मिल गई है। इसके लिए फंड भी इकट्ठा कर लिया गया है। लेकिन अभी इसके नियमों और तरीकों पर विचार हो रहा है। 

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अरुंधति स्कीम के तहत 550 गरीब ब्राह्मण महिलाओं को उनकी शादी के लिए 25 हजार रुपए दिए जाएंगे। 

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मैत्रेयी स्कीम के तहत गरीब ब्राह्मण पुजारी से शादी करने वाली 25 महिलाओं को ही तीन लाख रुपए मिलेंगे। मूर्ति ने कहा कि जो बॉन्ड महिलाओं को मिलेंगे उन्हें तीन साल तक इस्तेमाल कर सकते हैं।

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स्कीम में ऐसी व्यवस्था की गई है कि एक ही बार में पूरा का पूरा 3 लाख रुपया नहीं दिया जाएगा। इसे एक-एक साल के बॉन्ड के रूप में एक-एक लाख रुपए दिए जाएंगे। यानी 3 लाख रुपए लेने के लिए तीन साल तक शादीशुदा रहना जरूरी है। शाही के हर एक साल के अंत पर 1 लाख रुपए की इंस्टालमेंट जोड़े को दी जाएगी।

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मूर्ति ने बताया, शुरुआत में मैत्रेयी स्कीम ऐसी महिलाओं के लिए शुरू किए जाने की योजना थी, जो किसी बीपीएल ब्राह्मण किसान या बावर्ची या पुजारी से शादी करती। लेकिन राज्य का दौरा करने पर पता चला कि पुजारी वर्ग आर्थिक रुप से काफी कमजोर है। इसलिए इस योजना को पुजारियो के फायदे के लिए चलाया जा रहा है।

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