1954 में ही अलमेडा को ओंटारियो कैंसर इंस्टीट्यूट में इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी तकनीशियन के रूप में काम पर रखा गया, जहां उन्होंने करीब 10 साल तक काम किया। साल 1963 में, वह 'साइंस' नामक पत्रिका में छपे एक लेख के तीन लेखकों में से एक थीं, जिसमें उन्होंने कैंसर के रोगियों के खून में वायरस जैसे कणों की पहचान की थी।