Published : May 18, 2020, 03:36 PM ISTUpdated : May 18, 2020, 04:22 PM IST
नई दिल्ली. देश में कोरोना से जंग जारी है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यारी लॉकडाउन लागू किया गया है। कोरोना के खिलाफ छिड़ी यह जंग कब तक चलेगी इसकी जानकारी किसी को नहीं। लेकिन इसका सीधा असर गरीबों पर पड़ा है। हर जगह तालाबंदी होने से दिहाड़ी मजदूरों पर बुरी मार पड़ी है। जिसके कारण उन्हें पलायन करके अपने घर गांव की ओर लौटना पड़ रहा है। इसी क्रम में एक तस्वीर सामने आई है कि पलायन को मजबूर एक मजदूर पैदल ही अपने घर के लिए निकल पड़ा। इस दौरान साइकिल पर सफेद बोरे में अपनी दिव्यांग बेटी को लादकर पैदल ही अपनी मंजिल की ओर जाता दिखाई दिया।
ये प्रवासी मजदूर अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ दिल्ली से उत्तर प्रदेश के लिए जा रहा है। इसके साथ इसके बच्चे भी है। मजदूर की एक बेटी है जो दिव्यांग है। उसे इस मजदूर ने साइकिल पर एक देसी जुगाड़ के सहारे लटका रखा है।
210
इस बच्ची को नहीं पता कि दुनिया किस झंझट से जूझ रही है। वह परिवार के साथ लंबे रास्ते पर निकल चुकी है। हालांकि, रास्ते के लिए उसके पिता ने कुछ खाने का सामान बांध रखा है। जो पूरा परिवार खाएगा।
310
सफेद प्लास्टिक के बोरे से झांकतीं वो मासूम अपने लाचारी की गाथा स्वयं बता रही है। उस दिव्यांग को सफेद बोरे में ही लटक कर न जाने कितना लंबा सफर तय करना है।
410
इस मजदूर के साथ गर्म तपती सड़क पर कुछ बच्चे नंगे पैर भी चल रहे हैं। उनमें से एक बच्ची अपने पिता की साइकिल पर धक्का लगा रही है।
510
देश में लॉकडाउन जारी होने के बाद से ही मजदूरों की हालत खराब हो गई है।
610
प्रवासी मजदूर काम धंधा बंद होने के बाद से हर हाल में अपने घर लौटना चाहते हैं। हालांकि सरकार श्रमिक स्पेश ट्रेनें और बस भी चलवा रही है। लेकिन मजदूरों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण वे पैदल ही घर जाने को मजबूर हैं।
710
प्रवासी मजदूर किसी भी तरीके से अपने घर के लिए निकल पड़े हैं। कई मजदूर तो पैदल और ट्रकों में लद-लदकर जा रहे हैं तो कुछ साइकिल से घर जाने के लिए निकल पड़े हैं।
810
प्रवासी मजदूरों के पास कोई और रास्ता न होने की वजह से वो लाचार और बेबस हैं। बिना खाए पीए कई-कई दिन सड़क पटरियों के किनारे, ओवरब्रिज के नीचे समय गुजार रहे हैं।
910
कई मजदूर तो ठेले से ही घर के लिए ही निकल पड़े हैं। गौरतलब है कि देश में आज से चौथे चरण का लॉकडाउन लागू हो गया है। जो 31 मई तक जारी रहेगा।
1010
एक मजदूर अपने परिवार के साथ घर जाने के लिए निकला था। थकान के कारण पुल के नीचे ही थकान मिटाने के लिए सो गया।