चाहे लड़ाकू विमान हों या ड्रोन, मिसाइल को हवा में मार गिराएगा ये सिस्टम, जल्द सेना की बढ़ेगी ताकत

नई दिल्ली. रूस का S-400 डिफेंस सिस्टम 2025 तक भारत को सौंप दिया जाएगा। रूस के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बाबूसकिन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, यह सिस्टम 2025 तक भारत को सौंप दिया जाएगा। उनके देश में इसका निर्माण भी शुरू कर दिया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 17, 2020 10:09 AM IST

17
चाहे लड़ाकू विमान हों या ड्रोन, मिसाइल को हवा में मार गिराएगा ये सिस्टम, जल्द सेना की बढ़ेगी ताकत
विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय बैठक में भाग लेने के लिए 22 और 23 मार्च को रूस जाएंगे। इससे पहले एस 400 डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल सिर्फ रूस कर रहा था।
27
एस-400 मिसाइल सिस्टम, एस-300 का अपडेटेड वर्जन है। भारत ने रूस से 5.43 अरब डॉलर (करीब 39 हजार करोड़ रुपए) में इसके लिए डील की है। अगली साल तक भारत को पहला सिस्टम भी मिल जाएगा।
37
एस-400 मिसाइल सिस्टम भारतीय बेड़े में शामिल हो जाएगा। इससे भारतीय सेना की ताकत में काफी इजाफा होगा। एस 400 मिसाइल सिस्टम पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भी खत्म करने की क्षमता रखता है।
47
यह डिफेंस सिस्टम 400 किमी दायरे तक सक्रिय रहता है। इस दायरे में आने वाले किसी भी खतरे को तुरंत खत्म कर सकता है। इससे दुश्मन के लड़ाकू विमान हों या ड्रोन, या फिर मिसाइल यह सिस्टम देखते ही देखते उसे ढेर कर देगा।
57
एस 400 सिस्टम अत्‍या‍धुनिक रडारों से लैस होता है। यह सैटेलाइट से कनैक्ट रहता है और उन्हें ट्रेस कर सकता है। इस सिस्टम की खासियत है कि यह दुश्मन विमानों और मिसाइलों को हवा में खत्म कर सकता है।
67
एस-400 के रडार 100 से 300 टारगेट ट्रैक कर सकते हैं। इसमें लगी मिसाइलें 30 किमी ऊंचाई और 400 किमी की दूरी में लक्ष्य को भेद सकती हैं। यह एक साथ 36 टारगेट को मार सकती है। इसमें 12 लॉन्चर होते हैं।
77
फोटो- Google
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos