Amarnath Yatra: पता है लंगर से लेकर आतंकवादियों से निपटने तक इस बार अमरनाथ यात्रा में क्या 'खास' होने जा रहा

नुनवान (जम्मू-कश्मीर). वार्षिक अमरनाथ यात्रा(annual Amarnath Yatra) 30 जून को शुरू हुई।लगभग 2,750 तीर्थयात्रियों का एक जत्था यहां बेस कैम्प से दक्षिण कश्मीर हिमालय में प्राकृतिक रूप से बने बर्फ-लिंगम के गुफा मंदिर के लिए रवाना हुआ। पिछले 2 सालों से यह यात्रा कैंसल थी। 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने और फिर 2020 में कोराना संक्रमण के चलते यात्रा कैंसल कर दी गई थी। 30 जून से 11 अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान अमरनाथ यात्रा इस बार कई नए रिकॉर्ड बनाने जा रही है। पहली बार यहां रिकॉर्ड तोड़ 8 लाख लोगों के पहुंचने की संभावना है। 3 लाख लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इतने लोगों के लिए यहां 120 लंगर लगाए गए हैं। यहां 24 घंटे चूल्हे जलेंगे। वहीं, लंगर में फास्ट फूड आदि बैन कर दिया गया है। पहली बार हेलिकॉप्टर से भी यात्रा की जा सकेगी।
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 30, 2022 3:35 AM IST / Updated: Jun 30 2022, 09:08 AM IST

16
Amarnath Yatra: पता है लंगर से लेकर आतंकवादियों से निपटने तक इस बार अमरनाथ यात्रा में क्या 'खास' होने जा रहा

इस बार अमरनाथ यात्रा में रिकॉर्ड 8 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। यात्रियों के लिए रास्तें में जगह-जगह लंगर लगाए गए हैं। लंगरों में इस बार फास्ट फूड नहीं मिलेगा। क्लिक करके पढ़ें क्या मिलेगा और क्या नहीं

26

 सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, इस साल तीर्थयात्रा के लिए खतरा अधिक है। स्टिकी बम और ड्रोन जैसे हमलों से निपटने भारतीय सेना मुस्तैद है। पहली बार है कि अमरनाथ यात्रा में केंद्र की 350 कंपनियां लगाई गई हैं। इनमें सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (CAPF) के 40 हजार से ज्यादा जवान शामिल हैं। बालटाल और पहलगाम मार्गों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अधिकारियों ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए नए सुरक्षा पिकेट बनाए गए हैं, ताकि आतंकवादियों के मंसूबों पर पानी फेरा जा सके। 

36

तीर्थयात्रियों को आधार कार्ड या कोई अन्य बायोमेट्रिक डाक्यूमेट अपने साथ ले जाने के लिए कहा है। पवित्र गुफा की ओर जाने वाली चोटियों पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है और मार्गों पर चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है

46

तीर्थयात्रा को उपायुक्त पीयूष सिंगला ने अनंतनाग जिले के पहलगाम के नुनवान बेस कैम्प में झंडी दिखाकर रवाना किया। इस पैदल यात्रा में शीशनाग और पंचतरणी में रात को रुकने के साथ लगभग तीन दिन लगते हैं। इस 43 दिन की तीर्थयात्रा की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए युद्धस्तर पर इंतजाम किए गए हैं। 
 

56

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा(Lieutenant Governor Manoj Sinha) ने बुधवार को जम्मू आधार शिविर से 4,890 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई थी।श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) ने प्राकृतिक रूप से बने बर्फ लिंगम यानी बाबा अमरनाथ के ऑनलाइन 'दर्शन' भी किए जा सकते हैं। 
 

66

अमरनाथ यात्रा 30 जून को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक 48 किलोमीटर के नुनवान मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर के बालटाल मार्ग से शुरू हुई।

यह भी पढ़ें-अमरनाथ यात्रा: जिहादियों से निपटने हमारे ये जवान काफी हैं, यात्री बोले-बाबा की झलक पाने का जुनून, कोई डर नहीं
 

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos