दिल्ली हिंसा; बच्चों के लिए दूध लेने गया था पिता, तीन दिन बाद लाश बनकर लौटा
नई दिल्ली. दिल्ली हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। 23, 24 और 25 फरवरी को दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में हुए दंगे, लोगों के जहन में एक बुरा दौर बन जिंदगी रहेगा। इस हिंसा में किसी ने अपना पिता खोया है तो किसी ने अपना बेटा। ऐसी ही कुछ कहानी जाफराबाद के रहने वालीं गुलिस्तां की हैं। उन्होंने इस दंगे में अपने पति मोहम्मद इरफान को खोया। दिल्ली हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस ने हिंसा को लेकर 167 एफआईआर दर्ज की हैं। वहीं, 800 लोगों को गिरफ्तार या हिरासत में लिया है।
इरफान अपने बच्चों के लिए दूध लेने निकले थे। लेकिन तीन दिन बाद उनकी लाश जाफराबाद में उनके घर पहुंची। इरफान के एक रिश्तेदार ने बीबीसी से बातचीत में बताया कि इरफान अपने बच्चों के लिए 26 फरवरी को दूध लेने निकले थे।
इरफान की उम्र 27 साल थी। वे स्कूल बैग बनाने वाले कपड़ों को काटने का काम करते हैं। उनके दो बच्चे हैं। वे उस्मानपुर में किराए के कमरे में अपने परिवार के साथ रहते थे।
इरफान का शरीर बुधवार को घर से सिर्फ 300 मीटर की दूरी पर मिला। शरीर को बुरी तरह से कुचला गया था। यहां उन्हें जग परवेश हॉस्पिटल फिर जीटीबी अस्पताल लाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
यह दो सिर्फ एक इरफान की कहानी है, दिल्ली हिंसा में ना जाने कितने परिवारों ने अपने चिरागों को खोया है। दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में 23 फरवरी को दंगों की शुरुआत हुई थी।
दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में 23, 24 और 25 फरवरी को हिंसा हुई थी। इसमें अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। 300 से ज्यादा जख्मी हैं। यह हिंसा नागरिकता कानून के समर्थन और विरोध करने वाले गुटों के आमने सामने आने के बाद शुरू हुई।
हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा कुल 167 केस दर्ज किया गया है। इसके साथ ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 800 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है।
हिंसा में मुख्य रूप से जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास, गोकुलपुरी और भजनपुरा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
दिल्ली में हुए हिंसा की पुलिस जांच कर रही है। इसके साथ ही दोषियों को भी चिन्हित कर रही है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि फारेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला दलों को बुलाया गया है और अपराध के दृश्यों का फिर से मुआयना किया जा रहा है।
दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों ने कैंडल मार्च निकाला।
दिल्ली हिंसा में गोकुलपुरी में रहने वाले नितिन कुमार ने भी अपनी जान गंवा दी। वे 15 साल के थे।
नितिन कुमार के अंतिम संस्कार के वक्त रोते उनके रिश्तेदार।
अपने परिजनों के बारे में जानकारी लेता एक शख्स।
इन हिंसा में इस महिला ने अपनी दुकान भी खो दी। शाहदरा में स्थित जली हुई दुकान को देखती महिला।
दिल्ली नगर निगम मलबे और जली हुई गाड़ियों को हटाती हुई।
दंगाइयोंं ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हजारों वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया।
छात्रा अपने जले हुए स्कूल को देखते हुए भावुक हो गई।
पुलिस लगातार उत्तर पूर्वी इलाकों में मार्च निकाल रही है।
हिंसा के वक्त जले हुए वाहन।
मौजपुर में दंगाइयों ने इस पेट्रोल पंप को भी आग के हवाले कर दिया था।