मामूली बात पर हो रहे गुस्सा, नहीं कर रहे किसी से बात...फांसी करीब देख डर के जी रहे निर्भया के दोषी
नई दिल्ली. नया डेथ वारंट जारी होने के बाद से निर्भया के दोषियों को मौत का खौफ सता रहा है। जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दोषी विनय ने घबराहट में सेल की दीवार पर अपना सिर पटककर खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। वहीं, निर्भया के दोषियों के व्यवहार में भी काफी बदलाव आया है। निर्भया के दोषी किसी से बात नहीं कर रहे हैं। लेकिन अक्सर गुस्से में रह रहे हैं और खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
Asianet News Hindi | Published : Feb 20, 2020 6:37 AM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:24 PM IST
फांसी की तारीख नजदीक आता देख विनय बिल्कुल घबरा गया है। जिसके बाद उसने सेल की दीवार पर सिर पटकने लगा। हालांकि समय रहते ही सुरक्षाकर्मियों ने उसके सेल में घुसकर उसे रोक लिया। जिसके बाद विनय को प्राथमिक इलाज के बाद उसे फिर से सेल में बंद कर दिया गया।
जेल सूत्रों का कहना है कि तीसरी बार डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के दोषी आक्रमक हो गए हैं। पहले से उनके स्वभाव में आक्रमकता बढ़ गई है। उन्हें मामूली बात पर गुस्सा आ रहा है। हालांकि वह किसी से ज्यादा बात नहीं कर रहे हैं। लेकिन अपने सेल में ही वह लगातार अपने गुस्से जाहिर कर रहे हैं।
इससे पहले खबर आई थी कि विनय की नींद भी गायब हो चुकी है। विनय रात भर जेल के सेल में ही चक्कर काटता रहा। इससे पहले इस दोषी ने फांसी से बचने के लिए खुद को मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया था। इसके साथ ही उसने कहा था कि जेल में उसको मानसिक प्रताड़ना दी गई थी।
3 मार्च को दी जाएगी फांसीः निर्भया के दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे तिहाड़ जेल के फांसी घर में फांसी पर लटकाया जाएगा। पटियाला कोर्ट ने दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया है।
दो बार टल चुकी है फांसीः निर्भया के दोषियों को फांसी के लिए यह तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया गया है। उससे पहले दोषियों को दो बार फांसी पर लटकाने के लिए तारीख तय की गई थी। लेकिन कानूनी दांव पेच के कारण दोनों तारीखें टल गईं। दोषियों को पटियाला कोर्ट ने 21 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाने का आदेश दिया था। लेकिन इस डेट पर रोक लग गई। जिसके बाद कोर्ट ने 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाने का आदेश दिया। फिर दोषियों ने कानूनी अधिकारों का प्रयोग कर फांसी पर रोक लगवा दी।
16 दिसंबर, 2012 की रात में 23 साल की निर्भया से दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 6 लोगों ने दरिंदगी की थी। साथ ही निर्भया के साथ बस में मौजूद दोस्त के साथ भी मारपीट की गई थी। दोनों को चलती बस से फेंक कर दोषी फरार हो गए थे।इसके बाद निर्भया का दिल्ली के अस्पताल में इलाज चला था। जहां से उसे सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया था। 29 दिसंबर को निर्भया ने सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।