लद्दाख में झड़प: शक्तिशाली होने के बावजूद भारत को नहीं हरा सकता चीन, ये है बड़ी वजह

नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच सोमवार रात वास्तिवक नियंत्रण रेखा पर पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी सोमवार को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई। इस दौरान भारत के 1 कर्नल समेत 3 जवान शहीद हो गए। वहीं, इस झड़प में 3-5 चीनी सैनिकों के भी मारे जाने की खबर है। दोनों देशों में हाई लेवल बैठकों का दौर जारी है। कोरोना को लेकर दुनियाभर में घिरे चीन की बौखलाहट लगातार बढ़ रही है। इसलिए चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में भारतीय जवानों को उकसाने की कोशिश में जुटे हैं। उधर, ब्रिटेन की मीडिया ने इस झड़प को तीसरा विश्व युद्ध बताया है। भारत की तुलना में चीन कागजों पर ज्यादा ताकतवर है। लेकिन मौजूदा वक्त में भारत को कम आंकना चीन के लिए बड़ी गलती हो सकती है। आईए जानते हैं कि कौन से देश की आर्मी कितनी शक्तिशाली है?

Asianet News Hindi | Published : Jun 16, 2020 10:33 AM IST / Updated: Jun 29 2020, 08:19 PM IST
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लद्दाख में झड़प: शक्तिशाली होने के बावजूद भारत को नहीं हरा सकता चीन, ये है बड़ी वजह

भारतीय सेना ज्यादा ताकतवर
अगर सैनिकों की बात की जाए तो चीन भारत से आगे है। चीन में 22.6 लाख सैनिक हैं। वहीं, भारत के 13.6 लाख सैनिक हैं। लेकिन रिजर्व सैनिकों की बात करें तो चीन के पास सिर्फ 14.52 लाख सैनिक हैं, जबकि भारत के पास यह दोगुने यानी 28.44 लाख हैं।

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ग्लोबल फायरपावर वेबसाइट के मुताबिक, भारत के पास कुल 42.07 लाख सैनिक हैं। जबकि चीन के पास 37.12 लाख सैनिक हैं। थल सेना के टैंक्स की बात करें तो चीन इस मामले में भारत से आगे हैं। चीन के पास 6457 युद्धक टैंक्स हैं। जबकि भारतीय सेना के पास ऐसे 4426 टैंक हैं। अगर कागजी आंकड़ों को छोड़ें तो भारत के पास चीन के मुकाबले कई बड़े टैंक्स बॉर्डर पर तैनात हैं। इतना ही नहीं भारत के पास बख्तरबंद लड़ाकू वाहन 6704 हैं, वहीं, चीन के पास ऐसे 4788 वाहन हैं। तोपखानों के मामले में भी भारत चीन से आगे हैं। चीन के पास 6246 तोपखाने हैं, वहीं, 7414 तोपखाने हैं।
 

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एयरफोर्स के मामले में कौन कितना शक्तिशाली?
चीन के पास सैनिकों को लाने ले जाने वाले 1271 विमान हैं। जबकि भारत के पास ऐसे 676 विमान हैं। वहीं, चीन के पास 1385 लड़ाकू विमान हैं। भारत के पास ऐसे विमानों की संख्या 809 हैं।

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भारत की सहायता प्रणाली बेहतर
चीन की तुलना में भारत के पास भले ही कम लड़ाकू विमान हैं। लेकिन भारतीय वायुसेना की सहायता प्रणाली चीन से ज्यादा बेहतर है।

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नौसैनिक बेड़ा 
भारतीय नौसेना के पास तीन विमान वाहक पोत हैं। जबकि चीन के पास सिर्फ एक है। भारत पर 15 पनडुब्बियां हैं, जबकि चीन के पास 68। भारत में 14 फ्रैगेट हैं, जबकि चीन में 51 है। चीन के पास 31 युद्धपोत हैं। भारत के पास यह 6 हैं। लेकिन नौसैनिक शक्ति युद्ध की स्थिति में चीन कीी मदद नहीं कर सकती। चीन के युद्धपोत आसानी से भारतीय महासागर में फंस सकते हैं। जहां भारतीय नौसेना शक्तिशाली है।

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कागजी ताकत के अलावा चीन को इन बातों का भी है ध्यान
चीन को पूर्वी समुद्री सीमा पर बहुत अधिक खतरा है। इस वजह से वह भारत के खिलाफ अपने संसाधनों का पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं कर सकता। जबकि भारत की समुद्री सीमाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। भारत की सीमा 13888 किमी है। जबकि चीन की सीमा रेखा 22457 किमी तक फैली है। चीन की सीमा 14 देशों से जुड़ी है। इनमें से ज्यादातर से उसके विवाद चल रहे हैं।

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भारत के लिए बांग्लादेश, म्यांमार, भूटान और नेपाल की सीमाओं पर अनुकूल माहौल नहीं हैं। लेकिन चीन के लिए ना केवल हिमालय में बल्कि दक्षिण चीन सागर और पूर्व चीन में भी काफी संघर्ष कर रहा है।

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दोनों देशों को उठाना पड़ेगा नुकसान
ग्लोबल फायरपावर वेबसाइट दुनिया के 100 से ज्यादा देशों की शक्तियों पर नजर रखती है। वेबसाइट के मुताबिक, भारत और चीन की सैन्य शक्तियां दुनिया में 4 और 3 स्थान पर हैं। ऐसे में जानकारों का मानना है कि चीन चाहकर भी भारत पर हमले के बारे में नहीं सोच सकता। अगर चीन कोई कदम उठाता है तो भारत की अपेक्षा चीन को भी कम नुकसान नहीं उठाना होगा।

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