भारतीय सेना का वह प्लान, जिससे बच नहीं पा रहें आतंकी, इस साल 89 आतंकियों को मारी गोली

नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच भारत अपने दुश्मनों को भी सबक सिखा रहा है। इस साल घाटी में भारतीय सेना ने 89 आतंकियों को मार गिराया। मारे गए आतंकियों में से चार आतंकी संगठनों के टॉप सरगना हैं। इसमें बड़ी कामयाबी हिजबुल के ऑपरेशन चीफ रियाज नायकू की मौत भी शामिल है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेना ने इस साल कुल 89 आतंकियों को मार गिराया, इसमें से आधे से ज्यादा आतंकी हिजबुल मुजाहिद्दीन (Hizbul Mujahideen) के थे।
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 11, 2020 8:11 AM IST / Updated: Jun 11 2020, 07:38 PM IST

16
भारतीय सेना का वह प्लान, जिससे बच नहीं पा रहें आतंकी, इस साल 89 आतंकियों को मारी गोली

जून महीनें में हुई सेना की कार्रवाई

1 जून- नौशेरा सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश करते हुए 3 पाकिस्तानी आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया।

2 जून- पुलवामा के त्राल इलाके में 2 आतंकी ढेर किए गए।

3 जून- पुलवामा जिले के कंगन इलाके में सुरक्षा बलों ने 3 आतंकियों का एनकाउंटर किया।

5 जून- राजौरी जिले के कालाकोट में एक आतंकवादी मारा गया।

7 जून- शोपियां के रेबन गांव में 5 आतंकी मारे गए।

8 जून- शोपियां के पिंजोरा इलाके में 4 आतंकी ढेर।

10 जून- शोपियां के सुगू इलाके में 5 आतंकी ढेर

26

मीडिया रिपोर्ट्स से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने बताया कि जनवरी के बाद आतंकियों को खत्म करने के लिए नई रणनीति अपनाई गई है। तकनीक पर ज्यादा भरोसा करने के बजाय ह्यूमन इंटेलिजेंस का ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। 
 

36

विजय कुमार ने बताया, आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान यह ध्यान रखा जाता है कि आम लोगों को कोई नुकसान न हो। एनकाउंटर से पहले आम आदमी को वहां से निकाल दिया जाता है। 

46

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विजय कुमार ने बताया कि घाटी में बड़े आतंकी सरगनाओं को टारगटे किया जा रहा है। इससे आतंकियों को बड़ा झटका लगा है। आतंक के आकाओं को टारगेट करने से आतंकियों में दहशत का माहौल है। रियाज नायकू के अलावा इस साल मारे जाने वाले बड़े आतंकियों में हैदर (लश्कर-ए-तैयबा), कारी यासिन (जैश-ए-मोह्म्मद कमांडर), बुरहान कोका (अंसार गजवात-उल-हिंद) शामिल हैं। 
 

56

जनवरी से लेकर अब तक 89 आतंकी मारे गए हैं, लेकिन इसमें सबसे ज्यादा 46 आतंकी हिजबुल के थे। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा आतंकी गतिविधियों को अंजाम हिजबुल मुजाहिदीन ही देता है। 

66

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,  अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया। इस दौरान घाटी में इंटरनेट बंद था। लेकिन जनवरी महीने से स्थितियां ठीक होने के बाद सेना को आतंकी गतिविधियों की जानकारी मिलने में आसानी होने लगी है। 
 

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos