जानवरों पर कहर बनकर टूटी बारिश...काजीरंगा पार्क में 82 हिरण, 9 गैंडों समेत 108 की हुई मौत

गुवाहाटी. असम में बाढ़ का कहर जारी है। यहां 33 में से 30 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य में अब तक बाढ़ और हिमस्खलन से 79 लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक असम में 48.07 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य में 4766 गांव डूब गए हैं। वहीं, इस बाढ़ का असर जानवरों पर भी पड़ा है। राज्य में 8 लाख जानवर भी प्रभावित हुए हैं। राज्य के सबसे बड़ा नेशनल पार्क काजीरंगा में भी पानी भर गया है। इससे जानवरों को काफी परेशानी हो रही है। अब तक पार्क में 108 जानवरों की मौत हो चुकी है। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 19, 2020 7:59 AM IST / Updated: Jul 19 2020, 01:32 PM IST
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जानवरों पर कहर बनकर टूटी बारिश...काजीरंगा पार्क में 82 हिरण, 9 गैंडों समेत 108 की हुई मौत

काजीरंगा पार्क गोलाघाट जिले में है। यह जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है। नेशनल पार्क में 9 गैंडों की मौत हुई है। इसके अलावा चार जंगली भैंस, 7 जंगली सुअर, 82 हिरन भी बाढ़ की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं। 

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काजीरंगा पार्क से निकलकर इस तरह सड़क पर एक गैंडा अपनी जान बचाने के लिए आ गया। अब तक पार्क से 132 जानवरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। 

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काजीरंगा पार्क में 85% हिस्से में पानी भर गया है। यहां नाव पर बैठकर फोरेस्ट गार्ड जंगली भैंस को सुरक्षित स्थान पर ले जाता।

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काजीरंगा से निकलकर हाथियों ने इस तरह सुरक्षित स्थान पर शरण ले रखी है। 

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राज्य में 30 जिलों में करीब 36 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित बताए जा रहे हैं। असम में बाढ़ का प्रमुख कारण लगातार हो रही बारिश और ब्रह्मपुत्र का बढ़ता जलस्तर है। 

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पोबीटोरा सेंचुरी में भी पानी भर गया। सेंचुरी में जानवरों को इस तरह खड़ा होकर रहना पड़ रहा है। 
 

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काजीरंगा में चीता पानी को पार कर सुरक्षित स्थान पर जाता। 
 

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बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हिरण हुए हैं। अब तक 82 हिरणों की मौत हो चुकी है। 

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काजीरंगा पार्क में अपने बच्चे के साथ खड़ा गैंडा। 

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गैंडे के एक साल के बच्चे का रेस्क्यू कर नाव से सुरक्षित स्थान पर लाया गया। 

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बारिश के चलते पार्क में जानवरों के खाने का इंतजाम भी नहीं हो पा रहा है। 
 

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काजीरंगा में पानी भरने के बाद हाथी इस तरह से सड़क पर आ गया। 

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जंगली हिरण भी जान बचाकर सड़कों की तरफ रुख कर रहे हैं। 

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नागांव में हाथियों का समूह सड़क पर आ गया। इस वजह से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।
 

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काजीरंगा में पानी भरने के बाद कुछ जानवरों को पोबिटोरा सेंचुरी में शिफ्ट किया जा रहा है। 

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पार्क का कर्मचारी काजीरंगा में गैंडे को निकालने की कोशिश करता। 

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