Photos : हर 250 मीटर पर CCTV, 60 मीटर पर फायर हाइड्रेंट सिस्टम; काफी आधुनिक है सबसे लंबी अटल टनल

Published : Oct 03, 2020, 08:17 AM ISTUpdated : Oct 03, 2020, 10:36 AM IST

नई दिल्ली. हिमाचल के रोहतांग में दुनिया की सबसे लंबी रोड सुरंग अटल सुरंग (Atal Tunnel) बनकर तैयार हो गई। यह टनल मनाली और लेह के बीच की दूरी को 46 किमी की दूरी को कम करेगा। अब टनल से यह दूरी 4 घंटे की बजाय 10 मिनट में पूरी हो जाएगी। टनल को बनाने में 10 साल लगे। 9.2 किमी लंबी इस टनल को बनाने में 10 साल का समय लगा और 3200 करोड़ रुपए की लागत आई। आईए जानते हैं टनल की कुछ अहम विशेषताएं।

PREV
110
Photos : हर 250 मीटर पर CCTV, 60 मीटर पर फायर हाइड्रेंट सिस्टम; काफी आधुनिक है सबसे लंबी अटल टनल

दुनिया की सबसे लंबी सुरंग नार्वे में है। इसकी लंबाई 24.5 किमी है। यह ऑरलैंड और लायेरडेल के बीच ओस्लो और बेरजेन को जोड़ने वाले मुख्य सड़क पर स्थित है। हालांकि, जब ऊंचाई पर बने सबसे लंबे टनल की बात होगी तो भारत की अटल टनल का नाम सबसे टॉप पर आएगा।

210

टनल बनने के बाद मनाली के पास सोलांग घाटी से लाहौल के सिसू के बीच की दूरी 10 मिनट में तय होगी। इस टनल से चीनी सीमा पर मौजूद भारतीय सेना को भी काफी फायदा मिलेगा। अब बर्फबारी के समय भी सेना आसानी से बॉर्डर तक आवाजाही कर सकेगी।

310

टनल करीब 9 किमी (8.8) लंबी है। टनल की चौड़ाई 10.5 मीटर है। टनल में दोनों तरफ 1 मीटर का फुटपाथ भी बनाया गया है।

410

इस सुरंग में गाड़ियां अधिकतम 80 किमी की स्पीड से दौड़ सकती हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इसमें हर रोज 3000 गाड़ियां और 1500 ट्रक गुजर सकते हैं। 

510

टनल में ऑटोमेटिक लाइटिंग और वेंटिलेशन की व्यवस्था की गई है। आग की घटना से बचने के लिए फायर हाईड्रेंट की सुविधा, पंप, फोन बूथ, सीसीटीवी जैसी सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है। हर 2.2 किमी में एयर क्वालिटी मॉनिटर होगी।

610

ये दुनिया की सबसे लंबी रोड टनल है। इसे रोहतक पास से जोड़कर बनाया गया है। इस टनल की विशेषता है कि इसमें फायर हाइड्रेंट भी लगाए गए हैं। इनका इस्तेमाल किसी भी प्रकार की अनहोनी के वक्त किया जा सकता है। 

710

इस टनल में हर 250 मीटर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। टनल में हर 500 मीटर पर इमरजेंसी एग्जिट गेट हैं। इसके अलावा टनल के अंदर पाइप लाइन भी है। अगर टनल में आग लगने जैसी कोई घटना हो जाती है, तो इसपर तुरंत काबू पाया जा सकता है। 

810

अटल टनल से गुजरते वक्त यात्रियों के फोन में 4जी नेटवर्क की भी सुविधा मिलेगी। आम तौर पर इस तरह की सुरंगों में फोन के नेटवर्क चले जाते हैं। लेकिन इस सुरंग में इस बात का ख्याल रखा गया है कि यात्रियों के फोन पर नेटवर्क की समस्या ना रहे। इसके लिए भी खास इंतजाम किया गया है।

910

इस सुरंग को बनाने का फैसला 3 जून 2000 को लिया गया था। उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। सुरंग के दक्षिणी हिस्‍से को जोड़ने वाली सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी। टनल का शिलान्यास 2010 में हुआ था। इसे 2015 तक बनाने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन कई चुनौतियों के चलते इसे बनाने में 10 साल का वक्त लग गया।

1010

पहले इस टनल की लागत करीब 1600 करोड़ थी। अब यह बढ़कर 3500 करोड़ रुपए थी। सर्दियों के दौरान माइनस 23 डिग्री सेल्सियस में भी बीआरओ के इंजीनियर और मजदूरों ने इसके निर्माण किया। 

Recommended Stories