राम मंदिर निर्माण का इंतजार कर रहीं 87 साल की दादी, 28 साल से आज तक नहीं खाया अन्न का एक भी दाना

नई दिल्ली. अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास की तैयारी जोरों पर है। 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन किया जाना है। पीएम खुद अयोध्या जाकर शिलान्यास करेंगे। ये अयोध्या के लिए ऐतिहासिक दिन होगा। इस वक्त का सभी को बेसब्री से इतंजार था। ऐसे में एक 87 साल की दादी ने 28 सालों से अन्न तक ग्रहण नहीं किया। उनका नाम उर्मिला चतुर्वेदी हैं, वो पिछले 28 सालों से राम मंदिर के बनने का इंतजार कर रही थीं। इस दौरान वो बस दूध और फलहार कर राम की भक्ति में लीन रहती थीं। अब उनके इंतजार की घड़ी खत्म हो चुकी है। वो अयोध्या में जाकर अपना व्रत तोड़ेंगी। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 2, 2020 8:41 AM IST

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राम मंदिर निर्माण का इंतजार कर रहीं 87 साल की दादी, 28 साल से आज तक नहीं खाया अन्न का एक भी दाना

87 साल की उर्मिला चतुर्वेदी भले ही उम्र के इस पड़ाव में आकर कमजोर नजर आ रही हैं, लेकिन इनका संकल्प बेहद मजबूत है। पिछले 27 सालों से केवल इसलिए उपवास किया क्योंकि वो अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनते हुए देखना चाहती थीं। सन 1992 में जब कार सेवकों ने राम जन्मभूमि पर बने विवादित ढांचे को गिराया और वहां खूनी संघर्ष हुआ। तब उन्होंने संकल्प लिया था कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम शुरू ना हो जाए, तब तक वह अन्न का एक भी दाना ग्रहण नहीं करेंगी। उन्होंने 1992 के बाद से खाना नहीं खाया और सिर्फ फलाहार से ही जिंदा रहीं।

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उर्मिला चतुर्वेदी पिछले 28 सालों से राम मंदिर के बनने की घड़ी का बेसब्री से इंतजार कर रही थीं। उर्मिला जबलपुर के विजय नगर की रहने वाली हैं। विवादित ढांचा गिरने के बाद जो हिंसा हुई थी, उसे देख कर उर्मिला चतुर्वेदी बहुत दुखी हुई थीं। उस दिन उन्होंने संकल्प लिया था कि अब वह अनाज तभी खाएंगी, जब देश में भाईचारे के साथ अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। सालों की तपस्या के बाद आज जब उर्मिला चतुर्वेदी का सपना साकार हो रहा है तो वह बेहद अभिभूत हैं।

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उर्मिला चतुर्वेदी लगातार अपने परिवार वालों से राम मंदिर के निर्माण के कार्यक्रम में शामिल होने की जिद कर रही हैं, लेकिन उनके परिजन कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन का हवाला देकर उन्हें बाद में अयोध्या ले जाने का आश्वासन दे रहे हैं। राम भक्त उर्मिला का कहना है कि वो भले ही राम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल नहीं हो पा रही हैं, लेकिन मन से उनकी मौजूदगी वहीं रहेगी। 

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अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए लगातार कई सालों तक अन्न त्यागने वाली उर्मिला चतुर्वेदी की आखिरी इच्छा है कि वो अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की शरण में रहें। 87 साल की उर्मिला चतुर्वेदी अपना बचा हुआ जीवन भगवान राम की शरण में बिताना चाहती हैं।

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उर्मिला चतुर्वेदी की इस साधना और तपस्या में परिजनों का भी भरपूर सपोर्ट मिल रहा है। सालों की तपस्या के बाद अब जब इस वृद्ध राम भक्त उर्मिला चतुर्वेदी का सपना साकार हो रहा है तो उनके परिजन भी बेहद खुश हैं। दादी की बहू रेखा चतुर्वेदी चाहती हैं कि अब जल्द से जल्द उनकी सास अनाज ग्रहण करना शुरू कर दें।

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बीते साल 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आया तो उर्मिला चतुर्वेदी की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। उन्होंने भगवान राम को साष्टांग प्रणाम किया। उर्मिला का कहना है कि 28 साल के लंबे संघर्ष के बाद उन्हें सफलता मिल गई। इन 28 सालों में उन्हें कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ा, अनाज का त्याग करने से वह अपने रिश्तेदार और समाज से भी दूर हो गईं। लोगों ने कई बार उन पर उपवास खत्म करने का भी दबाव डाला। लेकिन, बहुत सारे लोग ऐसे भी थे कि जिन्होंने उनके आत्मविश्वास और साधना की तारीफ भी की और उन्हें कई बार सार्वजनिक मंच से सम्मानित किया गया।

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