आंखों में आंसू, रब से दुआ कि 'वो' जिंदा हों...चमोली त्रासदी से कई घर-परिवारों पर टूटा मुसीबत का पहाड़

चमोली, उत्तराखंड. चमोली हादसे ने सिर्फ भारत नहीं, दुनियाभर के वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है। अमेरिका तो इस पर रिसर्च तक कर रहा है। उधर, रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कई लोग आंखों में आंसू लिए...टकटकी बांधे किसी चमत्कार की उम्मीद कर रहे हैं। ये वो लोग हैं, जिनके अपने अब तक नहीं लौटे हैं। बता दें कि उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद NTPC की टनल में फंसे लोगों को निकालने पांचवें दिन भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। लेकिन कोई जीवित बचा होगा, इसकी उम्मीद अब कम बची है। कोई चमत्कार ही उन्हें बचा सकता है। बता दें कि 7 फरवरी यानी रविवार की सुबह करीब 10 बजे समुद्र तल से करीब 5600 मीटर की ऊंचाई पर 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का ग्लेशियर टूटकर गिर गया था। इससे धौलीगंगा और ऋषिगंगा में बाढ़ की स्थिति बन गई। हादसे में 206 लोगों के लापता होने की सूचना है। देखिए कुछ तस्वीरें...

Asianet News Hindi | Published : Feb 11, 2021 5:50 AM IST

111
आंखों में आंसू, रब से दुआ कि 'वो' जिंदा हों...चमोली त्रासदी से कई घर-परिवारों पर टूटा मुसीबत का पहाड़

आंखों में आंसू लिए तस्वीर में दिखाई दे रहे शख्स हैं पोखरी गांव के रहने वाले अजय। इनके जीजा गायब हैं। बहन की शादी ढाई साल पहले ही हुई थी। दूसरी तस्वीर में रेस्क्यू टीम लगातार लोगों की जान बचाने जुटी हुई है। अजय बताते हैं कि उनके जीजा सत्यपाल बर्तवाल तपोवन साइट पर इलेक्ट्रिशयन थे। इनके एक डेढ़ साल का बेटा है। आंखों में आंसू लिए अजय बस यही दुआ कर रहे हैं कि उनके जीजा सकुशल आ आएं।

211

यह तस्वीर एएसआई मनोज चौधरी और सुरक्षागार्ड बलवीर सिंह की है, जो चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना में बह गए। दोनों की ड्यूटी तपोवन में थी। एएसआई कर्णप्रयाग नौटी के रहने वाले थे। उनकी लाश बहते-बहते अपने ही गांव पहुंच गई थी।

311

चमोली प्रलय नेसिर्फ इंसानों पर कहर नहीं बरपाया, जीव-जंतुओं को भी अपनी चपेट में लिया। जलप्रलय के बाद अलकनंदा नदी में मलबा बहने से बड़ी संख्या में मछलियां मारी गईं। वैज्ञानिकों की चिंता है कि नदी के जलीय पारिस्थिति तंत्र को अपने मूल रूप में आने में 2 साल लग सकते हैं।

411

चमोली के तपोवन में हुए हादसे को गुरुवार को पांचवां दिन है। आशंका है कि NTPC की टनल में अब भी 39 वर्कर्स फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने टनल में 72 मीटर अंदर ड्रिलिंग की जा रही है। इसके बाद कैमरा डालकर अंदर देखा जाएगा। इस दौरान अपने लोगों की खोजखबर के लिए परिवार लगातार घटनास्थल पर डटे हुए हैं। वे परेशान हैं और भगवान से दुआ कर रहे हैं कि उनके अपने सही सलामत हों।
 

511

टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में आर्मी, ITBP, NDRF और SDRF की टीमें जुटी हुई हैं।  बता दें कि यह टनल करीब ढाई किलोमीटर है। इसमें मलबा भरा हुआ है।

611

चमोली हादसे में अब तक 32 लोगों के शव मिल चुके हैं, जबकि अभी भी 206 लोग लापता हैं। इनमें से 174 लोगों का कोई सुराग नहीं है।

711

चमोली त्रासदी के ऐसे कई वीडियो सामने आए, जिसमें साफ दिखाई दिया कि ग्लेशियर टूटने के बाद जो जलप्रलय आई, वो अपने रास्ते को साफ करते हुए चली गई।

811

चमोली हादसे के गुजरे भले ही 5 दिन हो गए हों, लेकिन लोगों में डर अब भी बराबर बना हुआ है। यह तस्वीर रेस्क्यू टीम की है, जो दिनरात लोगों को बचाने में जुटी हुई है। लेकिन जैसे-जैसे समय गुजर रहा, निराशा बढ़ती जा रही है।

911

टनल में फंसे लोग जिंदा होंगे या नहीं, इस बारे में अब कोई नहीं जानता। लोग सिर्फ प्रार्थनाएं कर रहे हैं और रेस्क्यू टीम का मनोबल बढ़ा रहे हैं।

1011

चमोली प्रलय ने लोगों को प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने को लेकर सचेत कर दिया है। यह घटना सारी दुनिया के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

1111

रेस्क्यू और कब तक चलाना पड़ेगा, इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं है। लेकिन जब तक लापता लोगों की खबर नहीं लगती, रेस्क्यू चलता रहेगा।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos