भंडारा अग्निकांड के बाद पीड़ित परिवारों से मिले CM, कहा- गुनाहगारों को बख्शा नहीं जाएगा

भंडारा, महाराष्ट्र. भंडारा जिला अस्पताल के SNCU वार्ड में शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात शॉर्ट सर्किट से लगी आग में 10 बच्चों की मौत की घटना ने सरकार को हिलाकर रख दिया है। रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भंडारा पहुंचे। उन्होंने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इसके अलावा वे पीड़ित परिवारों से भी मिले। ठाकरे ने कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से चर्चा करके घटना की विस्तृत जानकारी लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। ठाकरे ने कलेक्टर से कहा कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए। किसी के भी दवाब में आने की जरूरत नहीं है। बता दें कि मुंबई महानगर पालिका का अग्निशमन विभाग मामले की जांच कर रहा है। ठाकरे ने कहा कि घटना के जिम्मेदार को बख्शा नहीं जाएगा। अस्पताल से पहले मुख्यमंत्री जिले के भोजापुर गांव पहुंचे। यहां 2 महीने की बेटी खोने वाले पीड़ित परिवार से मिलकर सीएम भावुक हो उठे।

Asianet News Hindi | Published : Jan 10, 2021 1:30 PM IST / Updated: Jan 11 2021, 04:55 PM IST

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भंडारा अग्निकांड के बाद पीड़ित परिवारों से मिले CM, कहा- गुनाहगारों को बख्शा नहीं जाएगा

भंडारा जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि राज्य के सभी अस्पतालों का फायर ऑडिट कराया जाएगा। भले ही किसी अस्पताल का फायर ऑडिट कुछ समय पहले ही क्यों न हुआ हो। (भोजापुर गांव में पीड़ित परिजनों को ढांढस बंधाते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे)

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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के सभी अस्पतालों की फायर सेफ्टी को लेकर सरकार जल्द एक गाइडलाइन तैयार करेगी। ठाकरे ने कहा कि जांच में यह पता लगाया जाएगा कि भंडारा जिला अस्पताल की तरफ से फायर फाइटिंग सिस्टम को लेकर कोई डिमांड की गई था या नहीं। (भोजापुर गांव में पीड़ित परिजनों को ढांढस बंधाते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे)

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जिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने स्टाफ से भी चर्चा की। बता दें कि अस्पताल के सुरक्षाकर्मी गौरव ने खुलासा किया कि यहां का फायर अलार्म काम नहीं कर रहा था। अगर उपकरण ठीक से काम कर रहे होते, तो हादसे को रोका जा सकता था।
(अस्पताल के निरीक्षण के दौरान कर्मचारियों से जानकारी लेते ठाकरे)

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माना जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। यूनिट में 17 बच्चे थे। जिनमें से 7 को इस मेल नर्स अजीत कुरजेकर ने अपनी जान पर खेलकर बचा लिया था।

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आगजनी के बाद वार्ड की यह हालत हो गई थी। इस हादसे में 1 से 3 महीने के 10 बच्चों की मौत हो गई थी।

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