सीमा विवाद के बीच चीन पाकिस्तान को दे रहा ये खतरनाक हथियार, बढ़ सकती है भारत की टेंशन

नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में चल रहे विवाद के बीच चीन पाकिस्तान को चार हमलावर ड्रोन्स देने की तैयारी में है। चीन इससे चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर और ग्वादर में बन रहे चीनी नौसेना के बेस की रक्षा करना चाहता है। ग्वादर बलूचिस्तान के दक्षिण पश्चिम में है। यहां चीन अपना नौसैनिक बेस बनाने में जुटा है। इतना ही नहीं, चीन पाकिस्तान में कॉरिडोर समेत अन्य प्रोजेक्ट में करीब 4.48 लाख करोड़ रुपए भी निवेश कर रहा है। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 6, 2020 9:23 AM IST

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सीमा विवाद के बीच चीन पाकिस्तान को दे रहा ये खतरनाक हथियार, बढ़ सकती है भारत की टेंशन


हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन पाकिस्तान को दो सिस्टम दे रहा है। इन दोनों में दो- दो ड्रोन होंगे। इसमें एक ग्राउंड स्टेशन होगा। चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर 48 जीजे-2 ड्रोन बना रहा है, इनमें पाकिस्तान की वायुसेना इस्तेमाल करेगी। 

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इन देशों को भी अपने ड्रोन बेच चुका चीन
 जीजे-2 ड्रोन विंग लूंग II का अत्याधनिक मॉडल है। चीन ने इससे पहले ही एशिया के तमाम देशों को अपना विंग लूंग II ड्रोन बेचा है। 

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स्टॉकहोल्म इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक, चीन कजाकिस्तान, साऊदी अरब, तुर्कमेनिस्तान, यूएई को 2008 से 18 के बीच 163 ड्रोन बेच चुका है।  

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बताया जाता है कि इन ड्रोन में 12 वायु से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें लग सकती हैं। इन ड्रोन का इस्तेमाल यूएई की सेना लीबिया में कर रही है हालांकि, पिछले 2 महीने में 4 ड्रोन मार गिराए गए हैं। 

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भारत के लिए चिंता की बात
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले 2 महीने से विवाद चल रहा है। ऐसे समय में भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान को ड्रोन देना चिंता की बात है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को एक बार फिर मीडियम एटीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस से लैस प्रीडेटर बी ड्रोन पर एक बार फिर से विचार करना पड़ सकता है। 

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घातक है ये ड्रोन
प्रीडेटर बी ड्रोन ना सिर्फ सर्वेलांस से सिर्फ निगरानी कर खुफिया जानकारी एकत्र करता है, बल्कि मिसाइलों और लेजर-गाइडेड बम से लक्ष्य को ढेर भी कर देती है। भारतीय नौसेना अमेरिका से इस ड्रोन के लिए लगातार संपर्क में है।

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लेकिन जानकारों का मानना है कि यह ड्रोन काफी महंगा है। ऐसे में एक ऐसा ड्रोन लेने की योजना बन रही है, जो सर्विलांस और हमला दोनों करने में सक्षम हो।  

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प्रीडेटर बी को MQ-9 रेपर भी कहा जाता है। इस ड्रोन ने ही इराक, अफगानिस्तान और सीरिया में आतंकियों की धज्जियां उड़ा रखी है। इसमें चार हेल फायर मिसाइल और दो लेजर गाइडेड बम ले जा सकते हैं। 

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भारत मौजूदा वक्त में रुस्तम ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है। यह सभी ड्रोन की तरह ही काम करता है। हालांकि, डीआरडीओ और कुछ निजी कंपनियां सर्विलांस और हमलावर ड्रोन बना रहे हैं। 

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