लद्दाख के बाद अब हिंद महासागर पर चीन की नजर, बढ़ सकती है भारत की टेंशन

नई दिल्ली. चीन का भारत और जापान समेत तमाम देशों से सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। ऐसे में चीन तेजी से अपनी नौसेना की क्षमता बढ़ाने में जुटा है। माना जा रहा है कि साउथ चाइना सी के बाद अब चीनी नेवी हिंद महासागर को अपना अगला टारगेट बना सकती है। अगर इस क्षेत्र में चीनी पनडुब्बियां पहुंचती हैं तो इन्हें पाकिस्तान के ग्वादर और जिबूती में चीन के नौसेना के बेड़ों से मदद मिल सकती है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 27, 2020 2:22 AM IST / Updated: Jun 29 2020, 07:03 PM IST
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लद्दाख के बाद अब हिंद महासागर पर चीन की नजर, बढ़ सकती है भारत की टेंशन

अमेरिका की पत्रिका फोर्ब्स ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया है कि चीन के नजरिए से देखा जाए तो इस क्षेत्र में पनडुब्बियां तैनात करने से उसे जंग की स्थिति में समुद्री परिवहन में मदद मिल सकती है। अगर चीन ऐसा करता है तो यह भारत के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। फिलहाल दक्षिण एशिया में भारत के पास सबसे बड़ा पनडुब्बी बेड़ा है।  

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 हिंद महासागर बन सकता है बड़ा मुद्दा
मौजूदा वक्त में चीन की नौसेना की तैनाती साउथ चाइना सी में है। चीन की आक्रामकता से दुनिया के तमाम देश चिंतित हैं। यहीं अमेरिका ने भी अपनी नेवी भेजना शुरू कर दिया है। लेकिन भारत के लिए हिंद महासागर ज्यादा बड़ी चिंता है। चीनी पनडुब्बियों ने हाल ही में पाकिस्तान और श्रीलंका के बंदरगाहों तक अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। ऐसे में स्ट्रेट ऑफ मलक्का के रास्ते चीन की पनडुब्बियां हिंद महासागर में प्रवेश कर सकती हैं। 
 

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रिपोर्ट के मुताबिक, चीन भारत को संदेश देने के लिए सतह से भी आ सकता है। लेकिन चीन अपनी उपस्थिति छिपाना चाहेगा तो उसे ऑपरेशन के दौरान काम नहीं आएगा। अभी तक माना जाता रहा है कि बिना नजर में आएं चीनी पनडुब्बियां मलक्का स्टेट नहीं पहुंच सकतीं। लेकिन अब चीन ने इसका तोड़ खोज लिया है। 

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चीन के लिए हिंद महासागर में घुसने के लिए दो रास्‍ते हैं। पहला सुंडा स्‍ट्रेट और दूसरा लोमबोक स्‍ट्रेट। इन दोनों रास्तों पर चीनी पनडुब्बियों के दाखिल होने में खतरा कम है। 
 

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रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की पनडुब्बियां एक बार हिंद महासागर में दाखिल हो गईं तो उन्‍हें फ्रीका के जिबूती में स्थित उनके नौसैनिक अड्डे से मदद मिल सकती है। अगर चीन हिंद महासागर में अपना स्‍थाई ठिकाना बनाता है तो जिबूती और ग्‍वादर उसके लिए मददगार साबित होंगे।

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फोर्ब्‍स के मुताबिक, चीन की चुनौती से निपटने के लिए भारतीय नौसेना तेजी से क्षमताओं का विस्तार कर रही है। भारतीय नौसेना मलक्का स्टेट पर पूरी नजर बनाए हुए हैं। इसके अलावा भारत की एंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट भी लगातार हिंद महासागर में अपनी नजर पेनी कर रहे हैं। 
 

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समुद्र और आकाश दोनों ही जगहों से भारतीय नौसेना चीनी पनडुब्बियों पर नजर रख रही है। हालांकि हिंद महासागर इतना बड़ा है कि इंडियन नेवी को चीनी पनडुब्बियों को पकड़ना आसान नहीं होगा। युद्ध के समय ये पनडुब्बियां भारत के लिए समस्या बन सकती हैं।

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