भारतीय वायुसेना की जान हैं ये हेलीकॉप्टर्स, 11 टन भार उठा सकता है चिनूक, अपाचे खतरों का खिलाड़ी
नई दिल्ली. वायुसेना में हाल में शामिल किए गए लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे और परिवहन हेलीकॉप्टर चिनूक इस वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर फ्लाईपास्ट में पहली बार शामिल होंगे। परेड में शामिल इन दोनों हेलीकॉप्टर की ताकत से ही देश की सेना और ज्यादा मजबूत हुई है। हम आपको चिनूक और अपाचे की ताकत और अद्भुत फीचर्स बता रहे हैं।
Asianet News Hindi | Published : Jan 13, 2020 11:12 AM IST / Updated: Jan 13 2020, 04:44 PM IST
चिनूक हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना की जान कहा जाता है। इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल 19 देशों की सेनाएं करती हैं। मौजूदा वक़्त में भारतीय वायुसेना अपने अभियानों के लिए एमआई-26एस का इस्तेमाल करती है।
सेना अब तक जिन हेलीकॉप्टर को उड़ाती रही है उसमें सिंगल रोटर इंजन होता था लेकिन चिनूक हेलीकॉप्टर में दो रोटर इंजन लगे हैं यह बहुत ही नया कन्सेप्ट है जो इंडियन एयरफोर्स को और मजबूत बनाता है। चिनूक हेलीकॉप्टर बहुत तेजी से उड़ान भरने में सक्षम है।
यह बेहद घनी पहाड़ियों में भी आसानी से काम कर सकता है। हेलीकॉप्टर किसी भी तरह के मौसम का सामना करने के साथ ये छोटे हेलीपैड और घनी घाटियों में भी उतर सकता है।
इस हेलीकॉप्टर की मदद से भारतीय वायुसेना ऊंचे और दुर्गम इलाकों में बेहद भारी भरकम सामान ले जाने में सक्षम है, ये लगभग 11 टन तक का भार उठा सकता है।''
वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि चिनूक के प्रदर्शन में तीन नए परिवहन हेलीकॉप्टर ‘विक फॉर्मेशन’ में होंगे। इस तरह के प्रदर्शन में एक हेलीकॉप्टर आगे की ओर और बाकी दो उसके इर्द-गिर्द थोड़ा पीछे की ओर होते हैं। उन्होंने बताया कि इसके बाद अपाचे के प्रदर्शन में वायुसेना के नए लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को देखा जा सकेगा। पांच लड़ाकू हेलीकॉप्टर तीर जैसा फॉर्मेशन ‘एरोहेड फॉर्मेशन’ बनाएंगे।
इसकी फ़्लाइंग रेंज क़रीब 550 किलोमीटर है। ये एक बार में पौने तीन घंटे तक उड़ सकता है। इसका निशाना बहुत सटीक है जिसका सबसे बड़ा फ़ायदा होता है युद्ध क्षेत्र में, जहां दुश्मन पर निशाना लगाते वक़्त आम लोगों को नुकसान नहीं पहुंचता है।" इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर पूरे देश में भारतीय वायुसेना अपनी ताकत के प्रदर्शन में इन्ही दोनों हेलीकॉप्टर्स के जलवे दिखाएगी।
अपाचे हेलिकॉप्टर का डिज़ाइन ऐसा है कि इसे रडार पर पकड़ना मुश्किल होता है। इससे सुरक्षा पर पर कोई नुकसान नहीं आता है। अपाचे में सबसे ख़तरनाक हथियार 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता का है। हेलिकॉप्टर के नीचे लगी राइफ़ल में एक बार में 30एमएम की 1,200 गोलियाँ भरी जा सकती हैं।
बात करें अब अपाचे की तो ये 280 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक उड़ाया जा सकता है। ये करीब 16 फ़ुट ऊंचा और 18 फ़ुट चौड़ा होता है। अपाचे हेलिकॉप्टर को उड़ाने के लिए दो पायलट होना ज़रूरी है। इसके बड़े विंग को चलाने के लिए दो इंजन होते हैं, इस वजह से इसकी रफ़्तार बहुत ज़्यादा है।