मौत को सामने देख बौखला गए हैं निर्भया के दोषी, रात में चीखते हैं, खाने देने जाओ तो मारने के लिए दौड़ पड़ते हैं

नई दिल्ली. फांसी की तारीख पास आने पर निर्भया के दोषी बौखलाए हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोषी बात-बात पर गुस्सा हो जाते हैं। चींखने-चिल्लाने लगते हैं। इससे बचाने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन, उन्हें ऐंगर मैनेजमेंट का पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया है। तिहाड़ जेल प्रशासन दोषियों के व्यवहार पर निगरानी रखे हुए है। बता दें कि निर्भया के चारों दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी दी जानी है।
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 21, 2020 8:34 AM IST

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मौत को सामने देख बौखला गए हैं निर्भया के दोषी, रात में चीखते हैं, खाने देने जाओ तो मारने के लिए दौड़ पड़ते हैं
दिल्ली की पटियाला हाउस ने तीसरी बार डेथ वॉरंट जारी किया है। इससे पहले कोर्ट ने 22 जनवरी फिर 1 फरवरी को फांसी देने की तारीख तय की गई थी। लेकिन दोषियों की याचिका की वजह से उसे रद्द करना पड़ा।
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खाना देने पर करते हैं बुरा व्यवहार- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेल के कर्मचारी जब दोषी विनय को खाना देने जाते हैं, तब वह उनके बुरा व्यवहार करता है। उनपर चिल्लाता है। मारने की कोशिश करता है।
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इससे पहले भी जब जेल का अधिकारी वहां के नियम-कायदों को समझाने के लिए उनके पास आए तो उनसे भी बुरा व्यवहार किया। मुकेश ने जेल का कोई भी नियम मानने से इनकार कर दिया है।
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तिहाड़ जेल प्रशासन के मुताबिक, निर्भया के दोषियों के गुस्से को देखने बाद अब एनजीओ से भी मदद मांगी गई है। जेल प्रशासन के मुताबिक, दोषियों को सामान्य खाना दिया जाता है, जिससे कि वह स्वस्थ रहें।
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अभी पवन ने दया याचिका नहीं दी है। अगर पवन दया याचिका देता है और उसकी याचिका खारिज भी होती है तो खारिज होने की तारीख से 14 दिन तक वक्त दिया जाता है। राष्ट्रपति की तरफ से दया याचिका खारिज होने के बाद इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
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दिल्ली का 2018 का प्रिजन मैनुअल कहता है, जब तक दोषी के पास एक भी कानूनी विकल्प बाकी है, उसे फांसी नहीं हो सकती। अगर उसकी दया याचिका खारिज भी हो जाती है तो भी उसे 14 दिन का समय दिया जाना चाहिए।
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1) दोषी अक्षय ठाकुर- यह बिहार का रहने वाला है। इसने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और दिल्ली चला आया। शादी के बाद ही 2011 में दिल्ली आया था। यहां वह राम सिंह से मिला। घर पर इस पत्नी और एक बच्चा है। 2) दोषी मुकेश सिंह - निर्भया से गैंगरेप का दोषी मुकेश बस क्लीनर का काम करता था। जिस रात गैंगरेप की यह घटना हुई थी उस वक्त मुकेश सिंह बस में ही सवार था। गैंगरेप के बाद मुकेश ने निर्भया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था।
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3) दोषी पवन गुप्ता- पवन दिल्ली में फल बेंचने का काम करता था। वारदात वाली रात वह बस में मौजूद था। पवन जेल में रहकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है। 4) दोषी विनय शर्मा- निर्भया का दोषी विनय जिम ट्रेनर का काम करता था। वारदात वाली रात विनय बस चला रहा था। इसने पिछले साल जेल के अंदर आत्‍महत्‍या की कोशिश की थी लेकिन बच गया।विनय शर्मा- निर्भया का दोषी विनय जिम ट्रेनर का काम करता था। वारदात वाली रात विनय बस चला रहा था। इसने पिछले साल जेल के अंदर आत्‍महत्‍या की कोशिश की थी लेकिन बच गया।
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क्या 3 मार्च को दोषियों को फांसी होगी? - चारों दोषियों को 3 मार्च को फांसी होगी, इसकी उम्मीद कम ही है। इसके पीछे वजह है कि अभी दोषी पवन के पास दया याचिका का विकल्प बचा हुआ है। इसके अलावा पवन के पास क्यूरेटिव पिटीशन का भी विकल्प है।
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क्या है निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड - दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया।
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बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।
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