पहले पहल तो इस स्कूल में बहुत कम बच्चे आते थे। यहां सत्येंद्र गरीब परिवारों के बच्चे को पढ़ाते हैं। लेकिन, लॉकडाउन के बाद यहां आने वाले बच्चों की संख्या बढ़ गई है। दरअसल, पास के स्लम एरिया के बच्चे यहां पढ़ाई करते हैं। यहां तक कि ये बच्चे अपने माता-पिता का मजदूरी में भी हाथ बटाते हैं।