कोरोना पर चमत्कार की उम्मीद, स्वदेशी वैक्सीन बनाने के लिए भारत ने भी बढ़ाए कदम, जानवरों पर होगा ट्रायल

नई दिल्ली. दुनिया भर में कोरोना का कहर जारी है। तमाम देश कोरोना को समाप्त करने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। इन सब के बीच भारत में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल (BBIL) से हाथ मिलाया है। दोनों संस्थाएं मिलकर कोविड-19 की स्वदेशी दवा या वैक्सीन तैयार करने का काम करेंगी। इस समझौते के बाद भारत ने कोरोना वैक्सीन खोजने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाया है। सबकुछ सही रहा तो भारत खुद वैक्सीन विकसित कर लेगा और उसे दूसरे देशों की मदद नहीं लेनी पड़ेगी।

Asianet News Hindi | Published : May 10, 2020 2:16 AM IST

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कोरोना पर चमत्कार की उम्मीद, स्वदेशी वैक्सीन बनाने के लिए भारत ने भी बढ़ाए कदम, जानवरों पर होगा ट्रायल

कोरोना की वैक्सीन विकसित करने के लिए नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे में अलग किए गए वायरस स्ट्रेन का इस्तेमाल किया जाएगा। आईसीएमआर की ओर जारी बयान में बताया गया है कि एनआईवी में अलग किए गए वायरस स्ट्रेन को सफलतापूर्वक बीबीआईएल के लिए भेज दिया गया है। अब वैक्सीन तैयार करने पर काम किया जाएगा।

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वैक्सीन डेवलपमेंट के लिए लेते रहेंगे तेजी से अप्रूवल
आईसीएमआर की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'दोनों सहयोगियों के बीच वैक्सीन डिवेलपमेंट को लेकर काम शुरू हो गया है। इस प्रक्रिया में आईसीएमआर-एनआईवी की ओर से बीबीआईएल को लगातार सपोर्ट दिया जाता रहेगा। वैक्सीन डिवेलपमेंट, ऐनिमल स्टडी और क्लिनिकल ट्रायल को तेज करने के लिए आईसीएमआर और बीबीआईएल तेजी से अप्रूवल लेते रहेंगे।'

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इस समझौते के बारे में भारत बायोटेक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. कृष्ण एला ने कहा, 'हमें इस बात पर गर्व है कि हम पूरे देश के लिए जरूरी इस प्रॉजेक्ट का हिस्सा हैं और आईसीएमआर और एनआईवी के साथ काम कर रहे हैं। हम इसे सफल बनाने और कोरोना के खिलाफ लड़ने में अपना पूरा योगदान देंगे।'

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पहले से कोरोना के खिलाफ सक्रिय है भारत बायोटेक
शनिवार को हुआ यह समझौता कोरोना कै वैक्सीन खोजने की दिशा में भारत बायोटेक का तीसरा कदम है। इससे पहले 20 अप्रैल को डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नॉलजी की ओर से भारत बायोटेक को इनऐक्टिवेटेड रैबीज वेक्टर प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल करते हुए वैक्सीन बनाने के लिए फंडिंग का ऐलान किया गया था।

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'CoroFlu' पर भी काम कर रही है बायोटेक कंपनी 
इससे पहले भारत बायोटेक ने 3 अप्रैल को कहा था कि वह एक बूंद वाले 'CoroFlu'पर काम कर रही है, जोकि मनुष्यों में सुरक्षित पाई गई एक वैक्सीन पर आधारित है। इस वैक्सीन को विकसित करने के लिए भारत बायोटेक उस ग्रुप का हिस्सा थी, जिसमें यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन, मैडिन्सन और फ्लूजेन समेत कई कंपनियां भी शामिल थीं।
 

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30 करोड़ वैक्सीन डोज बनाने की है तैयारी
वैक्सीन की खोज के बारे में भारत बायोटेक के बिजनस डिवेलपमेंड हेड रेचेज एला का कहना है, 'हम वैक्सीन बनाएंगे, क्लीनिकल ट्रायल करेंगे और कम से कम 30 करोड़ वैक्सीन डोज बनाकर वैश्विक स्तर पर डिस्ट्रीब्यूशन की भी तैयारी करेंगे। एक समझौते के तहत फ्लूजेन कंपनी अपने मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस को हमें देगी, जिससे हम प्रोडक्शन बढ़ा सकें।'

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इटली का दावा- मिल गई दवा 
इटली ने दावा किया है कि उसने इसकी वैक्सीन की खोज कर ली है। इटली की सरकार ने दावा किया है कि उसने ऐंटी बॉडीज को ढूंढ निकाला है जिसने मानव कोशिका में मौजूद कोरोना वायरस को खत्म कर दिया है।

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इजरायल ने भी वैक्सीन मिलने का किया है दावा
इजरायल के रक्षा मंत्री नफताली बेन्‍नेट ने पिछले सोमवार को दावा किया था कि देश के डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्‍टीट्यूट ने कोरोना वायरस का टीका बना लिया है। उन्‍होंने कहा कि इंस्‍टीट्यूट ने कोरोना वायरस के एंटीबॉडी को तैयार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। 

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रक्षा मंत्री के मुताबिक यह एंटीबॉडी मोनोक्‍लोनल तरीके से कोरोना वायरस पर हमला करती है और बीमार लोगों के शरीर के अंदर ही कोरोना वायरस का खात्‍मा कर देती है। बयान में कहा गया है कि कोरोना वायरस के वैक्‍सीन के विकास का चरण अब पूरा हो गया है।

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