दिल्ली दंगे में इसने अपना दोस्त को खो दिया, लाश लेने के लिए अस्पताल पहुंचा तो ऐसे रोने लगा
नई दिल्ली. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा पर दिल्ली पुलिस पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा, हमने अब तक 123 एफआईआर दर्ज की हैं। हिरासत में लिए या गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या लगभग 630 है। उन्होंने कहा कि अब उत्तर पूर्वी जिलों में स्थिति सामान्य है। हिंसा की कोई भी घटना आज सामने नहीं आई। आज 10 घंटे के लिए धारा 144 में राहत भी दी गई थी। आज सुरक्षा को थोड़ा बढ़ाया गया था। दिल्ली हिंसा के पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को मुआवजे का ऐलान किया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जिनके घर जले हैं उन्हें 25-25 हजार कैश दिया जाएगा। ये रकम शनिवार दोपहर से दी जाएगी।
Asianet News Hindi | Published : Feb 28, 2020 6:54 AM IST / Updated: Feb 28 2020, 07:52 PM IST
आंखों में आंसू लिए शख्स का नाम शहजाद है। यह जीटीबी अस्पताल के सामने अपने दोस्त मोहसिन अली का शव लेने के लिए खड़ा है। दंगी में शहजाद ने अपने दोस्त को खो दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली हिंसा में 82 लोगों को गोली लगी, जिसमें 21 की मौत हो गई।
पुलिस ने अब तक मृतकों और घायलों समेत 250 लोगों की एक लिस्ट तैयार की है।
दिल्ली हिंसा में मृतकों की संख्या 38 तक पहुंची, 29 शवों की पहचान हुई।
हिंसा स्थल से 350 से ज्यादा इस्तेमाल किए कारतूस मिले।
जांच के दौरान 0.32 मिमी, 0.9 मिमी और 0.315 मिमी कैलिबर के कारतूस मिले।
हिंसा वाली जगह से खिलौने वाले बंदूक के भी कारतूस मिले। (हिंसा में मारे गए मुदस्सिर खान का बेटा)
छापेमारी के दौरान पुलिस को तलवार और पेट्रोल बम भी मिले।
छोटे अपराधियों ने बेरोजगारों को देशी पिस्तौल और गोलियां बांटी।
दिल्ली हिंसा में स्थानीय अपराधियों के शामिल होने की आशंका।
मौजपुर के लोगों ने बताया, इधर से भागते हुए कुछ लोग आए, बाहर के लोग घर में घुस गए।
मौजपुर के लोगों ने कहा, हिंसा में स्थानीय लोग (मौजपुर के लोग नहीं थे) नहीं थे।
मौजपुर के लोगों ने बताया, पत्थर के आगे कौन टिके, ऐसा पत्थर मारा की तीसरी मंजिल पर पुहंचा।
मौजपुर के लोगों ने कहा, हम लोग यहीं पैदा हुए, यहीं पर मरेंगे।
मौजपुर के लोगों ने कहा, जिन लोगों ने पत्थर मारा, आज तक उन्हें यहां नहीं देखा।
दंगाइयों ने पहले दुकान का शटर तोड़ा, फिर लूट-पाट शुरू कर दी- चश्मदीद।
लूट-पाट की, फिर पेट्रोल छिड़कर हमारी गाड़ियां, दुकान, घर सब जला डाला- चश्मदीद।
चश्मदीदों के मुताबिक, जब भीड़ नीचे हमारी दुकानें जलाने लगी तो हम छत की ओर भागे।
पुलिस या सुरक्षा बल के कोई भी जवान दंगाईयों को रोकने के लिए मौजूद नहीं था- चश्मदीद।
दिल्ली के गंगा विहार की एक गली से कुछ लोग चले गए हैं, कई घरों में ताला लगा हुआ है। (तस्वीर- अंकित शर्मा का शव ले जाते हुए)
पलायन करने वाले अकरम का कहना है कि अब वापस नहीं आएंगे, अब अपने गांव में ही रहेंगे।
भजनपुरा में बेटा दूध लेने गया था, भीड़ ने 85 साल की मां को जिंदा जला दिया।
भजनपुरा में दंगाईयों ने 85 साल की एक महिला को जिंदा जला दिया। बेटे ने बताया, भीड़ घर तोड़कर अंदर आ गई और आग लगा दी।
भजनपुरा में एक युवक ने बताया, मेरी मां को जलाकर मार डाला, मैं कुछ नहीं कर पाया। (तस्वीर- IB कर्मचारी अंकित शर्मा का शव ले जाते हुए)
भजनपुरा में मां की मौत पर बेटे ने कहा, पहले भीड़ ने घर में घुसकर तोड़फोड़ की फिर आग लगा दी।
दिल्ली हिंसा : जांच में पता चला कि कई लोगों ने व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाया था।
व्हाट्सएप ग्रुप में वीडियो डाल कर लोगों को भड़काया गया। (तस्वीर- हिंसा के दौरान शाहरुख नाम के युवक फायरिंग करते हुए)
जांच में पता चला, पथराव किस इलाके में करना है इसे भी व्हाट्सएप ग्रुप में बताया जा रहा था।
उत्तर प्रदेश सीमा यानी यूपी बॉर्डर से भी देसी कट्टों का इंतजाम किया गया था।
पुलिस को यह भी पता चला है कि कुछ लोकल गैंग भी इस हिंसा में सक्रिय थे।
हिंसा पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (narendra modi) ने लोगों से शांति-भाईचारे की अपील की।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि अब तक 18 FIR दर्ज की गई हैं और 106 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के बाद स्थिति को संभालने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल बुधवार को मोर्चा संभाल लिया था।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों पर काबू पाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार रात तक 24 घंटे में 3 बैठकें कीं।
दिल्ली में हिंसा से सबसे ज्यादा भजनपुरा, घोंडा, यमुना विहार, चांदबाग, करावल नगर प्रभावित थे।
दिल्ली हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की जान चली गई।
दिल्ली हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की ऑटोप्सी में साफ हुआ कि उनके शरीर में एक गोली फंसी थी।
हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल को गोली बाएं कंधे से होते हुए दाएं कंधे की ओर गई थी।
पोस्टमार्टम के बाद गोली को बाहर निकाल दिया गया है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 4 हफ्ते में मांगा जवाब- हिंसा पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को चार हफ्ते में जवाब देने के लिए कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी।