हिंदू दुल्हन के लिए ढाल बन खड़े हुए मुस्लिम पड़ोसी, हिंसा के बीच सुकून देने वाली है ये तस्वीर

नई दिल्ली. दिल्ली ने एक हफ्ते में जो झेला, शायद उसका दर्द सालों तक ना भूला जा सके। हालांकि, हिंसा और नफरत के बीच कुछ ऐसी फोटो भी सामने आ रही हैं, जो हिंदू मुस्लिम एकता और मानवता की मिसाल पेश कर रहीं हैं। ऐसा ही कुछ उत्तर पूर्वी दिल्ली के मुस्लिम बाहुल इलाके में देखने को मिला। यहां दंगों के चलते हिंदू लड़की और उसके परिवार वालों को डर सता रहा था कि उसकी शादी कैंसिल हो जाएगी। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 28, 2020 5:31 AM IST / Updated: Feb 28 2020, 11:11 AM IST

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हिंदू दुल्हन के लिए ढाल बन खड़े हुए मुस्लिम पड़ोसी, हिंसा के बीच सुकून देने वाली है ये तस्वीर
हाथों में मेहंदी, लाल जोड़ा पहने 23 साल की सावित्री ने बताया कि वे घर पर रो रही थीं, हिंसा के चलते उनकी शादी कैंसिल हो जाएगी। उसी वक्त उनके पिता आए और उन्होंने उसे बताया कि शादी तय तारीख पर ही होगी। साथ ही उन्होंने बताया कि उनका पड़ोसी मुस्लिम परिवार हर मदद के लिए तैयार है।
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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सावित्री ने कहा, मेरे मुस्लिम भाईयों ने मुझे आज बचा लिया। चांदबाग में सावित्री के छोटे से घर में सभी रीति रिवाज के साथ शादी हुई। वहीं, इस इलाके की पूरी सड़कें किसी युद्ध क्षेत्र से कम नहीं लग रही थीं, हर तरफ पत्थर और टूटे और जले हुए घर, दुकानें और कारें नजर आ रही थीं।
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उत्तर पूर्वी दिल्ली में इस हफ्ते की शुरुआत में हुई हिंसा में 38 लोग मारे जा चुके हैं। चांदबाग भी सबसे ज्यादा हिंसा प्रभावित इलाकों में से एक है। सावित्री के पिता ने बताया कि वे छत से देख रहे थे, हर तरफ सिर्फ धुंआ ही धुंआ था।
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सोमवार को हर तरफ हिंसा और उपद्रव हो रहा था, इसी बीच सावित्री के हाथों में मेहंदी लगाई जा रही थी। यहां तक की खराब स्थिति को देखते हुए सावित्री के पिता ने दूल्हे के पिता को ये तक कह दिया था कि यहां आना खतरे से खाली नहीं है।
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सावित्री की पड़ोसी समीना बेगम ने बताया, हमारे दिल में भी बच्ची के लिए दर्द था। कौन चाहता है कि खुशी के दिन उसकी बेटी घर पर रोते हुए बैठी रहे। बुधवार को हिंसा रुक गई थी, लेकिन बाजार बंद थे और लोग घरों में डर के मारे कैद थे।
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बुधवार को हुई इस शादी में कई मुस्लिम पड़ोसी घर के बाहर सुरक्षा में खड़े रहे। दूल्हा, दुल्हन ने हिंदू रीति रिवाज से शादी की। इनमें से एक आमिर मलिक ने बताया कि हम सब हिंदू और मुस्लिम शांति और भाईचारे के साथ यहां रहते हैं।
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हालांकि, इस शादी में सावित्री का कोई रिश्तेदार शामिल नहीं हो पाया। मुस्लिम पड़ोसियों ने सावित्री और उसके पति को ससुराल तक हिफाजत के साथ पहुंचाया।
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