लड़कियों के सिर फोड़े, लड़कों के पैर तोड़े...पुलिस ने बताया JNU हिंसा के वक्त सभी CCTV बंद क्यों थे

नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में 5 जनवरी को हिंसा हुई। कई लड़कियों के सिर फूटे। लड़कों के हाथ-पैर टूटे। पुलिस ने इस मामले की जांच की तो पाया कि हिंसा के वक्त कैंपस के सीसीटीवी कैमरे बंद थे। मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने बताया, 3 और 4 तारीख को छात्रों ने सर्वर बंद कर दिए थे। कैंपस के सीसीटीवी कैमरे वाई फाई से जुड़े हुए हैं, इसलिए सर्वर बंद होने के साथ ही वह भी बंद हो गए। इस वजह से 5 जनवरी को हिंसा करने वाले आरोपियों का फुटेज नहीं मिल पाया।
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 10, 2020 1:21 PM IST / Updated: Jan 10 2020, 07:05 PM IST
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लड़कियों के सिर फोड़े, लड़कों के पैर तोड़े...पुलिस ने बताया JNU हिंसा के वक्त सभी CCTV बंद क्यों थे
मारपीट में कुछ लड़कियों के सिर फूटे, लड़कों के हाथ-पैर टूटे।
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पुलिस 5 जनवरी के दिन वायरल वीडियो और फोटो के आधार पर पड़ताल कर रही है। कैंपस के लोगों को वीडियो और फोटो दिखाकर जांच की जा रही है। पुलिस ने बताया कि यूनिटी अगेंन्स्ट लेफ्ट नाम के व्हॉस्टएप ग्रुप ने भी जांच में मदद की।
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पुलिस के मुताबिक, पेरियार और साबरमती हॉस्टल में छात्रों पर हमला किया गया। 5 जनवरी की सुबह 11 बजे छात्रों के बीच मारपीट की शुरुआत हुई। चुन-चुन कर छात्रों के साथ मारपीट की गई। चार छात्र संगठनों ने हमला किया।
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पुलिस ने बताया कि हमलावरों को पता था कि किस कमरे में जाना है। किसे मारना है। बाहरी को इतनी जानकारी नहीं हो सकती है।
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पुलिस ने बताया कि रजिस्ट्रेशन रोकने के लिए 3 जनवरी को सर्वर रूम से छेड़छाड़ की गई। तीन जनवरी को चारों संगठन के छात्र जबरदस्ती सर्वर रूम में घुस गए और कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया। इसके बाद सर्वर को बंद कर दिया। प्रशासन ने सर्वर को किसी तरह से ठीक किया तो फिर से 4 जनवरी को आरोपियों ने सर्वर को बंद कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि 4 जनवरी को सर्वर बंद करने के लिए दोपहर के वक्त आरोपी छात्र पीछे शीशे के दरवाजे से अंदर घुसे। उन्होंने सर्वर को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। इससे पूरा रजिस्ट्रेशन प्रोसेस रुक गया।
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जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार 5 जनवरी की शाम 4 बजे कुछ नकाबपोश हॉस्टल में घुस आए। उनके पास रॉड और डंडे थे। आरोप है कि उन्होंने जेएनयू छात्रों को बुरी तरह से पीटा। इसके बाद चुपचाप वहां से निकल गए। इसके बाद वहां पुलिस पहुंची। घायल छात्र-छात्राओं को एम्स में भर्ती कराया गया।
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जेएनयू में हिंसा मामले में पुलिस ने जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आईशी घोष सहित 9 लोगों के नाम सामने आए हैं। पुलिस ने इनकी फोटो भी जारी की। पुलिस को यह सारी सूचनाएं यूनिटी अगेन्स्ट लेफ्ट नाम के वॉट्सऐप ग्रुप से मिलीं। इनके नाम 1) चुनचुन कुमार (पूर्व छात्र), 2)पंकज मिश्रा (माही मांडवी हॉस्टल), 3)आइशी घोष (जेएनयूएसयू अध्यक्ष), 4)भास्कर विजय, 5)सुजेता तालुकदार, 6)प्रिय रंजन, 7)योगेंद्र भारद्वाज (पीएचडी-संस्कृत), 8)विकास पटेल (पीले शर्ट में एमए कोरियन) और 9)सोनल सामंता नाम के लोगों की पहचान की गई है।
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