जेएनयू हिंसा में लेफ्ट संगठन शामिल थे; पुलिस ने इसमें शामिल इन 9 छात्रों के नामों का किया खुलासा
नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में 5 जनवरी को हुई छात्रों से हुई मारपीट की अब तक की जांच को लेकर पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया इस मामले में कुल 3 केस दर्ज किए गए हैं। रजिस्ट्रेशन को लेकर विवाद की शुरुआत हुई। कई छात्र रजिस्ट्रेशन करा रहे थे, लेकिन AISF, AISA, SFI और DSF छात्र संगठन इसके विरोध में थे। रजिस्ट्रेशन के दौरान छात्रों को डराया गया। पुलिस ने जेएनयू हिंसा में 9 नामों का खुलासा किया है।
Asianet News Hindi | Published : Jan 10, 2020 11:52 AM IST / Updated: Jan 10 2020, 06:17 PM IST
दिल्ली पुलिस ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के विरोध की शुरुआत 3 जनवरी को हुई। उसी दिन सर्वर बंद कर दिया गया। उन्होंने बताया कि 4 जनवरी को सर्वर को नुकसान पहुंचाया। 5 जनवरी को छात्रों से मारपीट की गई। लेफ्ट छात्र संगठन रजिस्ट्रेशन के खिलाफ था।
पुलिस के मुताबिक, पेरियार और साबरमती हॉस्टल में छात्रों पर हमला किया गया। 5 जनवरी की सुबह 11 बजे छात्रों के बीच मारपीट की शुरुआत हुई। हमलावरों को पता था कि किस कमरे में जाना है। बाहरी को इतनी जानकारी नहीं हो सकती है। चुन-चुन कर छात्रों के साथ मारपीट की गई। चार छात्र संगठनों ने हमला किया।
जेएनयू में हिंसा मामले में पुलिस ने छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी सहित 9 लोगों के नाम सामने आए हैं। पुलिस ने इनकी फोटो भी जारी की। पुलिस को यह सारी सूचनाएं यूनिटी अगेन्स्ट लेफ्ट नाम के वॉट्सऐप ग्रुप से मिलीं।
इनके नाम 1) चुनचुन कुमार (पूर्व छात्र), 2)पंकज मिश्रा (माही मांडवी हॉस्टल), 3)आइशी घोष (जेएनयूएसयू अध्यक्ष), 4)भास्कर विजय, 5)सुजेता तालुकदार, 6)प्रिय रंजन, 7)योगेंद्र भारद्वाज (पीएचडी-संस्कृत), 8)विकास पटेल (पीले शर्ट में एमए कोरियन) और 9)सोनल सामंता नाम के लोगों की पहचान की गई है।
पुलिस ने कुल तीन केस दर्ज किए हैं। पहला केस सर्वर को नुकसान पहुंचाने का, दूसरा रजिस्ट्रेशन का समर्थन कर रहे लोगों से मारपीट और तीसरा हॉस्टल में घुसकर मारपीट करने के मामले में केस दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि सामान्य तौर पर हम जांच पूरी होने के बाद ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं लेकिन इस घटना के संदर्भ में फैलाई जा रही अफवाहों की वजह से हमें पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करना पड़ रहा है।
पुलिस ने बताया, जेएनयू प्रशासन ने 1-5 जनवरी से छात्रों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए जाने का फैसला किया। जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन, स्टूडेंट्स फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन इसके खिलाफ थे।
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार 5 जनवरी की शाम 4 बजे कुछ नकाबपोश हॉस्टल में घुस आए। उनके पास रॉड और डंडे थे। आरोप है कि उन्होंने जेएनयू छात्रों को बुरी तरह से पीटा। लेफ्ट और एबीवीपी दोनों एक दूसरे पर हमला करने का आरोप लगा रहे हैं। घायल छात्र-छात्राओं को एम्स में भर्ती कराया गया था।