गाली देते हुए तेजी से मेरी ओर बढ़ रहा था, मैंने जड़ दिया थप्पड़...भाजपा कार्यकर्ता ने डिप्टी कलेक्टर से ऐसे की अभद्रता
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के राजगढ़ की डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा के बाल खींचने और धक्कामुक्की मामले पर नया मोड़ आ गया है। प्रिया वर्मा ने खुद बताया कि उस वक्त क्या हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा, जब मैं रैली के दौरान लोगों को समझा रही थी, तभी किसी ने मुझे पीछे से लात मारी। मैं अपनी ड्यूटी निभा रही थी। मैं किसी के राजनीतिक एजेंडे के साथ नहीं हूं।
Asianet News Hindi | Published : Jan 20, 2020 11:40 AM IST / Updated: Jan 21 2020, 04:06 PM IST
प्रिया एक साधारण परिवार से हैं। ज्यादा फीस होने की वजह से वह कोचिंग नहीं कर सकी। घर पर ही रहकर सेल्फ स्टडी की। घर पर 13 से 14 घंटे पढ़ाई की। प्रिया वर्मा इंदौर के पास के गांव मांगलिया की रहने वाली हैं। महज 21 साल की उम्र में ही डीएसपी बन गईं। प्रिया वर्मा की पुरानी तस्वीरें शेयर की जा रही हैं। मध्य प्रदेश लोक सेवा की परीक्षा पास कर भैरवगढ़ जेल उज्जैन जेलर बनीं। वहां 6 महीने काम किया।
प्रिया वर्मा ने आरोप लगाया कि इन्होंने कार्यपालक मजिस्ट्रेट और मेरे कपड़े खींचे। हमने कार्यकर्ताओं से कहा कि थाने चलिए, वहां बात की जाए, लेकिन ये लोग खुद को छुड़वाकर भाग रहे थे। किसी ने मेरी पीठ पर बहुत तेजी सा लात मारी थी।
प्रिया वर्मा ने कहा, रैली के दौरान हंगामा बढ़ा और भाजपा वर्कर्स अभद्रता पर उतर आए। स्थिति पर नियंत्रण के लिए टीम के साथ मैं तैनात थी।
रैली के दौरान एक शख्स पीछे से गालीगलौच करते हुए आगे आया। हमने उसे संभालने की कोशिश की, उसके अपशब्दों की वजह से उसे थप्पड़ मारे थे। इसके बाद लोगों ने मेरे साथ अभद्रता करना शुरू कर दिया।
प्रिया वर्मा ने कहा, धारा 144 लागू थी, लेकिन यह लोग 19 तारीख को ही रैली निकालने पर अड़े थे। बड़े नेताओं से जाकर हमने बात की। लेकिन इसके बाद भी रैली में हुड़दंग मचाया।
शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाय कि प्रिया वर्मा सरकार का समर्थन कर रही हैं। वहीं दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह आपका समर्थन कर रही हैं। इस बयानों पर प्रिया वर्मा ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, मैं सिर्फ अपना काम कर रही थी। मुझे मजिस्ट्रेट की ड्यूटी निभानी थी। मैं किसी के भी पॉलिटिकल एजेंडे में शामिल नहीं हूं। यदि आप विरोध में रैली निकाल रहे हैं तो भी मेरा कर्तव्य बनता है कि मैं स्थितियों को काबू में रखूं।