दोनों हाथ काटे फिर काट दिया गला, दुकान के अंदर जली मिली लाश... दिल्ली हिंसा की दर्दनाक तस्वीर
नई दिल्ली. दिल्ली हिंसा के दौरान मिठाई की दुकान पर काम करने वाले शख्स की हत्या के आरोप में पुलिस ने शाहनवाज नाम के शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मुताबिक, मिठाई की दुकान पर काम करने वाले दिलबर सिंह नेगी के दोनों हाथ काट दिए गए थे। पुलिस को 26 फरवरी को उनका जला हुआ शव दुकान के अंदर से मिला था। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून मुद्दे पर 23 फरवरी से 25 फरवरी की शाम तक उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा हुई।
Asianet News Hindi | Published : Mar 7, 2020 7:08 AM IST / Updated: Mar 07 2020, 12:47 PM IST
दिल्ली हिंसा में 53 लोगों की मौत हो चुकी है। अब भी 10-12 लोगों अस्पताल में भर्ती हैं। इस मामले में अभी तक 683 केस दर्ज किए गए हैं। 1983 लोगों को गिरफ्तार या फिर हिरासत में लिया गया है। हिंसा की जांच के लिए दो एसआईटी का गठन किया गया है।
दिल्ली हिंसा में 53 लोगों की मौत हो चुकी है। अब भी 10-12 लोगों अस्पताल में भर्ती हैं। इस मामले में अभी तक 683 केस दर्ज किए गए हैं। 1983 लोगों को गिरफ्तार या फिर हिरासत में लिया गया है। हिंसा की जांच के लिए दो एसआईटी का गठन किया गया है। (शिव विहार में घरों के छतों पर बिखरे पत्थर)
दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों में उत्तराखंड के रहने वाले दिलबर सिंह नेगी भी हैं। यह शिव विहार इलाके में स्थित अनिल स्वीट हाउस में काम करते थे। उनका शव बुरी तरह जली हुई हालत में दुकान के अंदर से मिला था। (हिंसा में जले घर)
दिलबर सिंह की हत्या के आरोप में पुलिस ने मुख्य आरोपी शाहनवाज उर्फ शानू (27) को गिरफ्तार किया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। (26 फरवरी को शिव विहार में नए नागरिकता कानून पर हिंसक झड़पों के बाद का दृश्य)
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, 24 फरवरी को शिव विहार तिराहा के पास दंगे शुरू हुए। (26 फरवरी 2020 की शिव विहार की तस्वीर)
शिव विहार में ही रहने वाले शाहनवाज ने अपने कुछ साथियों के साथ पथराव किया। कई दुकानों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी। (27 फरवरी 2020 को शिव विहार क्षेत्र में बिखरे हुए ईंट और पत्थर)
मुख्य आरोपी शाहनवाज अपने साथियों के साथ एक बुक स्टोर और मिठाई की दुकान के अंदर घुसा और दोनों जगहों पर आग लगा दी। (28 फरवरी, 2020 को नई दिल्ली में शिव विहार क्षेत्र में जली हुई गाड़ियां)
26 फरवरी को मिठाई की दुकान पर काम करने वाले दिलबर सिंह का शव मिला। उनके दोनों हाथों को काट दिया गया था। गले पर भी काटने के निशान मिले। (5 मार्च, गोकलपुरी की तस्वीर)
चश्मदीदों के मुताबिक हत्या का मुख्य आरोपी शाहनवाज लोगों को भड़का रहा था।
कब शुरू हुई थी दिल्ली हिंसा?- दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में 23 फरवरी (रविवार) की शाम से हिंसा की शुरुआत हुई। इसके बाद 24 फरवरी पूरे दिन और 25 फरवरी की शाम तक आगजनी, पत्थरबाजी और हत्या की खबरें आती रहीं। हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक हेड कॉन्स्टेबल और एक आईबी का कर्मचारी भी शामिल है।
दिल्ली में कैसे शुरू हुई हिंसा?- सीएए के विरोध में शाहीन बाग में करीब 2 महीने से महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। 23 फरवरी (रविवार) की सुबह कुछ महिलाएं जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने लगीं। दोपहर होते-होते मौजपुर में भी कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। शाम को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि दिल्ली में दूसरा शाहीन बाग नहीं बनने देंगे। कपिल मिश्रा भी अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतर आए, जिसके बाद मौजपुर चौराहे पर दोनों तरफ से ट्रैफिक जाम हो गया। इसी दौरान सीएए का समर्थन और विरोध करने वालों के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई। यहीं से विवाद ऐसा बढ़ा कि तीन दिन तक जारी रहा।
दिल्ली हिंसा की जांच के लिए दो SIT का गठन किया गया है।